हस्तिनापुर के प्राचीन पांडव टीले पर उत्खनन में तीसरे दिन मिले टेराकोटा के नक्काशीदार बर्तन, अब तक मिलीं ये चीजें

  1. Home
  2. उत्तर प्रदेश
  3. मेरठ

हस्तिनापुर के प्राचीन पांडव टीले पर उत्खनन में तीसरे दिन मिले टेराकोटा के नक्काशीदार बर्तन, अब तक मिलीं ये चीजें

हस्तिनापुर के प्राचीन पांडव टीले पर उत्खनन में तीसरे दिन मिले टेराकोटा के नक्काशीदार बर्तन, अब तक मिलीं ये चीजें


मेरठ। हस्तिनापुर के प्राचीन पांडव टीले पर पुरातत्व विभाग की ओर से कराए जा रहे उत्खनन में बुधवार को गुप्त काल से जुड़े कई अवशेष प्राप्त हुए। इनमें चित्रित पॉटरी, मटके के नक्काशीदार ढक्कन, घूसर मृदभांड, टेराकोटा मग, टेराकोटा बीड, मनका, जानवर की हड्डी के अवशेष, चौड़ी ईटों की पक्की दीवार, प्राचीन पत्थर आदि हैं। वहीं मंगलवार को मिले टेराकोटा रिंगवेल को भी पुरातत्व विभाग की टीम ने बाहर निकाला। 

उत्खनन के लिए दो स्थानों पर तीन ट्रेंच लगाए गए हैं। एक हिस्से की खुदाई करीब पांच मीटर से भी नीचे पहुंच गई है। बुधवार के उत्खनन में मिले प्राचीन अवशेषों में अधिकतर गुप्त काल के माने जा रहे हैं। भारी मात्रा में मिल रहे टेराकोटा के अवशेषों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि उस युग में मिट्टी के बने बर्तनों का अधिक प्रचलन था। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सभी अवशेषों को जांच के लिए सुरक्षित किया जा रहा है। बाद में पुरातत्व विभाग की लैब भेजा जाएगा।

मेरठ संग्रहालय के अध्यक्ष पहुंचे
मेरठ स्थित संग्रहालय के अध्यक्ष पीके मौर्या ने बुधवार को पांडव टीले पर पहुंचकर उत्खनन में मिलने वाले प्राचीन अवशेषों को देखा। उसके बाद पुरातत्व विभाग मेरठ सर्किल के अधिकारियों से कई बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्राचीन अवशेषों की जांच के बाद ही स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।

उत्खनन के लिए कमिश्नर को दी बधाई 
नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रियंक भारती बुधवार को उत्खनन के संबंध में मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह से मिले। उन्हें उत्खनन कार्य के लिए बधाई दी और प्राप्त वस्तुओं के बारे में जानकारी दी। मंडलायुक्त ने जल्द हस्तिनापुर आने का आश्वासन दिया। प्रियंक ने बताया कि जैसे-जैसे खोदाई नीचे की ओर बढ़ेगी, रोचक तथ्य सामने आएंगे। उत्खनन कार्य हस्तिनापुर के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह क्षेत्र के विकास में सहायक सिद्ध होगी।  

उत्खनन कार्य में मंगलवार को टेराकोटा रिंगवेल, पक्की ईट, शंख की बनीं चूड़ियां समेत कई अवशेष मिले। यह अवशेष गुप्तकाल के बताए जा रहे हैं। हालांकि इन्हें जांच के लिए भेजा गया है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि ये अवशेष किस काल हैं। 

टीले की ऊपरी सतह से करीब चार मीटर नीचे खोदाई में गुप्तकाल का टेराकोटा रिंगवेल (अनाज भरने का बड़ा गोल पात्र) प्राप्त हुआ है। इसी कालखंड की एक प्राचीन दीवार, शंख की चूड़ियां, चित्रित मृदभांड, प्राचीन मिट्टी के बर्तन, जानवरों की हड्डी और दांत आदि प्राप्त हुए हैं। रिंग वेल और दीवारों को निखारने का काम विशेषज्ञों की टीम कर रही है। इनकी लंबाई चौड़ाई के बाद में अभी पता नहीं लगा है। सभी अवशेषों को जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें पब्लिक न्यूज़ टी वी के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @PublicNewsTV और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @PublicNewsTV पर क्लिक करें।