UP में बिजली की दरें बढ़ेंगी या नहीं? विद्युत नियामक आयोग का आया फैसला

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UP में बिजली की दरें बढ़ेंगी या नहीं? विद्युत नियामक आयोग का आया फैसला

UP में बिजली की दरें बढ़ेंगी या नहीं? विद्युत नियामक आयोग का आया फैसला

उत्तर प्रदेश में इस साल बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश में इस साल बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी। राज्य में बिजली की दरों को बढ़ाने के लिए यूपीपीसीएल ने विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा था। इसके पीछे काफी तर्क भी दिए थे, लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। इसे राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी माना जा रहा है। दरअसल इस समय उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें काफी ज्यादा हैं।

इसको लेकर खुद विद्युत कर्मचारियों के संगठन ने भी सवाल उठाया था। बावजूद इसके यूपीपीसीएल ने घाटे की भरपायी के लिए बिजली दरों में इजाफे का प्रस्ताव दिया था। इसमें तर्क दिया था कि बिजली कंपनियों को लाइन लास और बिजली चोरी की घटनाओं के चलते काफी नुकसान हो रहा है। बता दें कि यूपीपीसीएल ने साल 2019 के बाद पिछले ही साल एक अप्रैल को बिजली दरों में इजाफा किया था। उस समय एक ही बार में बिजली दरों में 15 से 20 फीसदी तक इजाफा कर दिया गया था।

बिजली दरों में इस वृद्धि को लेकर प्रदेश भर में लेकर काफी हाय तौबा मचा। आम लोगों से लेकर राजनीतिक दलों ने आपत्ति की. लेकिन सरकार ने बिजली कंपनियों के घाटे की बात कहकर सबको चुप करा दिया था। इसी बीच यूपीपीसीएल ने एक बार फिर से विद्युत नियामक आयोग में बिजली की कीमतें बढ़ाने का प्रस्ताव भेज दिया। ऐसे में इस बार भी बवाल मचने की आशंका थी। हालांकि नियामक आयोग ने ही इस प्रस्ताव को खारिज कर बिजली उपभोक्ताओं को सौगात दे दी है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक बिजली खपत करने वाले राज्यों में एक नंबर पर है। इसकी वजह उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक आबादी माना जाता है. राज्य में बिजली की इस मांग को पूरी करने के लिए चार तापी परिचालन इकाइयां हैं। इन्हीं चार इकाइयों के माध्यम से राज्य की सभी विद्युत इकाइयों के उत्पादन गुणवत्ता संबंधित डाटा का रखरखाव और विश्लेषण किया जाता है। इनकी कुल उत्पादन क्षमता इस समय 6134 मेगा वाट है।