UP: अमेठी में BJP प्रत्याशी की दादागिरी! निर्दलीय को दी जान से मारने की धमकी

चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं
पब्लिक न्यूज़ डेस्क। चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन निर्भीक और निष्पक्ष चुनाव ना होने की एक बानगी अमेठी में देखने को मिली है। जायस नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके महेश सोनकर के इशारे पर उनके समर्थक बाबादीन सोनकर की दबंगई सामने आई है। निर्दलीय प्रत्याशी का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी को फोन पर जान से मारने की धमकी दी और जमकर गालियां भी दी। जिसका ऑडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि TV9 इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।
दरअसल जायस नगर पालिका के वार्ड नम्बर 2 से सभासद के प्रत्याशी के रूप मे राम भावन ओझा चुनाव मैदान में है साथ ही वो नगर पालिका अध्यक्ष के निर्दलीय प्रत्याशी विमला देवी सरोज का समर्थन कर उनका भी प्रचार कर रहे हैं, जो कि भाजपा प्रत्याशी महेश सोनकर और उनके भाई राजेश सोनकर को नागवार गुजरी इसके बाद महेश सोनकर के भाई ने अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच कर निर्दलीय प्रत्याशी के साथ खूब गाली गलौज की, साथ ही उसे प्रचार भी नही करने दिया। और विपक्ष के प्रत्याशी को वहां से भगा दिया। आपको बता दें कि महेश सोनकर की पत्नी बीना सोनकर जायस नगर पालिका से भाजपा समर्थित प्रत्याशी बनाई गई है।
फोन पर दी जान से मारने की धमकी
मामला शांत होने के बाद भी महेश सोनकर का मन नहीं भरा, उसके बाद महेश सोनकर के सर्मथक बाबादीन सोनकर ने कॉल कर राम भवन ओझा को प्रचार करने पर जान से मरने की धमकी देते हुए गंदी गालियां दी और जाति सूचक शब्दों का भी प्रयोग किया। जिसका ऑडियो वायरल हो रहा है। इस घटना के बाद प्रत्याशी काफी डरा हुआ है प्रचार भी नहीं कर पा रहा है।
पीड़ित राम भावन ओझा ने बताया कि मामले की शिकायत अमेठी एसपी डॉक्टर इलामारन से की है, लेकिन अब तक ना तो कोई कार्यवाई हुई और ना ही कोई मुकदमा दर्ज किया गया है.तब से हम डरे हुए हैं अपना प्रचार भी नहीं कर पा रहे हैं. एलआईयू के कुछ लोग आए थे. उसके बाद और कोई नहीं आया है हमारा प्रचार प्रभावित हो रहा है अब अपना प्रचार कैसे करे हमे खतरा लग रहा है.
दम तोड़ रहे है निष्पक्ष चुनाव के दावे
आयोग निष्पक्ष और निर्भीक चुनाव कराने के बड़े-बड़े इंतजाम के दावे भले ही करता हो, लेकिन सारे दावे हवा हवाई साबित होते नजर आ रहे हैं, क्योंकि जिस तरह एक प्रत्याशी को चुनाव प्रचार करने पर धमकी दी जाती है और प्रशासन प्रत्याशी का हाल भी पूछने ना पहुंचा हो तो कहा निर्भीक चुनाव हो सकता है.वहीं जब मामले को लेकर जायस थाना प्रभारी देवेंद्र प्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया की मामले की जानकारी ही नही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पुलिस किसी बड़ी घटना के इंतजार में बैठी है. अमेठी पुलिस ने आखिरकार अभी तक कार्यवाई क्यों नहीं की?