दुल्हन की कहानी: पिता-भाई ने गला दबाया, मुंह डाला तेजाब, फेरों पर शादी का विरोध तो महिलाओं ने पीटा

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दुल्हन की कहानी: पिता-भाई ने गला दबाया, मुंह डाला तेजाब, फेरों पर शादी का विरोध तो महिलाओं ने पीटा

दुल्हन की कहानी:  पिता-भाई ने गला दबाया, मुंह डाला तेजाब, फेरों पर शादी का विरोध तो महिलाओं ने पीटा

बरेली के फतेहगंज पश्चिमी में मरणासन्न हालत में मिली शाही की युवती छह दिन बाद जिंदगी की जंग हार गई।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। बरेली के फतेहगंज पश्चिमी में मरणासन्न हालत में मिली शाही की युवती छह दिन बाद जिंदगी की जंग हार गई। छह दिन तक अस्पताल में जिंदगी के लिए जूझने वाली 20 साल की मुन्नी देवी की रविवार रात मौत हो गई।

दरअसल, 20 साल की दुल्हन मुन्नी की शादी की खुशियां चंद घंटे ही रहीं। विदाई के बाद ससुराल में सिर्फ कुछ ही घंटे नसीब हुए। जिस घर से पिता और भाइयों ने मुन्नी को विदा किया, उस घर की दहलीज तक मुन्नी को नसीब नहीं हुई। मुन्नी पर जुल्म ढहाने वाले कोई और नहीं, बल्कि अपने ही थे।

सप्ताह भर पहले शादी के दो दिन बाद मुन्नी की हत्या की कोशिश की गई थी। हत्या का आरोप उसके प्रेमी पर लगाने की तैयारी थी पर पुलिस की जांच में साफ हुआ कि पिता, भाई और दो बहनोई ने मिलकर उसकी हत्या की कोशिश की। 

इनमें पिता और बहनोई को जेल भेज दिया गया। युवती प्रेमी से शादी की जिद पर अड़ी थी। उसने फेरे लेने से भी इंकार कर दिया था। इसके बाद महिलाओं ने मारपीट कर बिना फेरों के ही उसे विदा कर दिया। उस वक्त का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

पिता का कबूलनामा

पिता ने गुनाह कबूल कर लिया। उसने पुलिस से कहा कि वह लोग तो मरा समझकर छोड़ आए थे, बेटी जाने कैसे बच गई। तोताराम ने बताया कि बेटी को गांव का ही युवक पिछले साल अप्रैल में फुसलाकर ले गया था। 

बेटी के दोबारा जाने पर गांव में बदनामी हुई

युवक उन्हीं की बिरादरी का था तो आपसी समझौते के तहत तीन दिन बाद वह बेटी को ले आया। दस दिन बाद दोबारा बेटी उसके साथ चली गई। इस बार ये लोग एक सप्ताह में वापस लौटे। इससे उसकी गांव में काफी बदनामी हुई थी। तब से उसने सोच लिया था कि बेटी की कहीं और शादी कर देगा।

बवाल के डर से गांव में नहीं बुलाई बरात

दोनों दामाद छेदालाल और दिनेश के साथ मिलकर उसने कई रिश्ते देखे। फिर भमोरा के गांव नत्था की गौटिया निवासी दामाद दिनेश ने ही अपने पड़ोस के गांव भगवानपुर (जिला बदायूं) में देवेंद्र से रिश्ता तय कराया। बेटी प्रेमी से ही शादी पर अड़ी थी पर उन्होंने किसी तरह निगरानी कर उसे रोक रखा था। बवाल के डर से गांव में बरात नहीं बुलाई। 

22 अप्रैल को बरातघर में आई बरात

22 अप्रैल को शाही के पास मिर्जापुर के बरातघर में बरात आई। बेटी ने रात भर ड्रामा किया। फिर बीमारी का बहाना कर फेरे नहीं लिए। उन्होंने भी देवेंद्र के साथ जबरन उसे गाड़ी में बैठाकर विदा किया। वह घर पहुंचे ही थे कि देवेंद्र की कॉल आ गई। कहा कि आपकी बेटी किसी से नहीं बोल रही, आप आकर देख लो। तब वह बाइक से बेटे प्रेम कुमार के साथ 23 अप्रैल की सुबह बेटी की ससुराल पहुंच गए। 

पति के मोबाइल से प्रेमी से बात कर रही थी बेटी

दोनों दामादों को बुला लिया। वहां बेटी ने साफ कह दिया कि वह इस शादी को नहीं मानती, प्रेमी के साथ ही जाएगी। उन लोगों ने काफी पहले बेटी से मोबाइल छीन लिया था। उन्होंने देखा कि वह पति के मोबाइल से प्रेमी से बात कर रही है। देवेंद्र व उसके परिजनों का कहना था कि उन लोगों को फंसा दिया गया है।
ऐसे दिया घटना को अंजाम

एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल को दी जानकारी के मुताबिक, 23 अप्रैल की रात तोताराम समेत चारों लोग बेटी की ससुराल में रुके। सुबह नौ बजे तोताराम बेटे को लेकर बाइक से देवचरा आए। वहां से टॉयलेट क्लीनर (लाइट एसिड) लिया। इसकी तस्दीक दुकान मालिक ने भी की। फिर वापस बेटी की ससुराल आए। वहां से शाम चार बजे बेटी को साथ लेकर दो बाइक से ये लोग गांव को चले। 

रास्ते में कई जगह रुकते हुए आराम से आए। झुमका तिराहे के होटल पर खाना खाया, जिसकी फुटेज पुलिस को मिली है। इसके बाद रात बारह बजे करीब शंखा रोड पर पहुंचे। फिर रोड से बेटी को झाड़ियों की ओर ले गए। वहां इन लोगों ने उसका गला दबाया। मरा समझने के बाद उसके मुंह के अंदर, चेहरे व शरीर पर टॉयलेट क्लीनर डाला। फिर वहां से तोताराम अपने और दामाद अपने घर चले गए।

एसएसपी ने सुबह ही लगा दीं टीमें, हर बिंदु पर कराया काम

एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सुबह जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़ित का हाल देखा। फिर एसपी देहात के साथ घटनास्थल का मुआयना किया। भमोरा एसओ को भगवानपुर जाकर सच पता करने की जिम्मेदारी दी। एसओजी अस्पताल चौकी पर आए तोताराम व दूसरे परिजनों के पास सादा कपड़ों में खड़े रहकर हावभाव परखती रही। 

सर्विलांस सेल ने कई नंबरों की डिटेल निकालकर कड़ियां जोड़ दीं। एक टीम ने देवचरा बाजार से लेकर फतेहगंज पश्चिमी रोड तक के सीसीटीवी चेक कर ये तस्दीक की कि युवती परिवार के साथ ही बेफिक्र जा रही थी। ऐसे कई साक्ष्यों से घटना का करीब बारह घंटे में ही खुलासा हो गया।