यूपी में एक बार फिर भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच सीट को लेकर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है, लोकसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव जानें राजनीतिक समीकरण

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यूपी में एक बार फिर भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच सीट को लेकर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है, लोकसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव जानें राजनीतिक समीकरण

यूपी में एक बार फिर भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच सीट को लेकर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है, लोकसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव जानें राजनीतिक समीकरण

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब उपचुनाव की चर्चा तेज हो गई है, लोकसभा चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद प्रदेश में सियासी


पब्लिक न्यूज़ डेस्क- उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब उपचुनाव की चर्चा तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद प्रदेश में सियासी समीकरण बदल सकते हैं। ऐसे में एक बार फिर राज्य में NDA और INDIA गठबंधन में घमासान देखने को मिल सकता है। यूपी की जिन 9 सीटों पर चुनाव होना है, उनके नाम हैं- मीरापुर, करहल, गाजियाबाद, कटेहरी, खैर, मिल्कीपुर, मझवा, फूलपुर और ऊंचाहार विधानसभा सीट। आइए जानते हैं इन सीटों के राजनीतिक समीकरण यह सीट बिजनौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इस सीट पर पहला चुनाव साल 2012 में हुआ था, जिसमें बसपा के जमील अहमद कासमी ने जीत हासिल की थी। 2017 में भाजपा के अवतार सिंह भड़ाना और 2022 में रालोद के चंदन चौहान ने इस सीट को अपने नाम किया था। 2024 में रालोद और भाजपा साथ आ गई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सपा रालोद- भाजपा के साथ को भेद पाएगी। करहल विधानसभा सीट वो सीट है, जहां कन्नौज से सांसद बनने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस्तीफा दे दिया। इस सीट पर साल 1993 से सपा का दबदबा बना हुआ है। 2022 के चुनाव में इस सीट से अखिलेश यादव ने 67 हजार के मार्जिन से चुनाव जीता था।गाजियाबाद विधानसभा सीट पर 2007, 2017 और 2022 के चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी। यह सीट गाजियाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है। लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा ने इस सीट से सपा को करारी हार दी थी। कटेहरी विधानसभा सीट से सपा के लालजी वर्मा ने सांसद बनने के बाद इस्तीफा दिया, जिसकी वजह से यह सीट खाली हो गई। इस सीट पर लोकसभा चुनाव में सपा ने अपना दबदबा बनाए रखा।

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इस सीट पर 2017 से भाजपा के अनूप प्रधान जीतते आ रहे हैं, जो अब सांसद बन चुके हैं। इससे पहले 2007 और 2012 में इस सीट पर रालोद का कब्जा रहा है। 2024 के उपचुनाव में रालोद और भाजपा एक साथ है। मिल्कीपुर सीट प्रदेश के अयोध्या जिले में है। इस सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 में सपा ने जीत हासिल की है। यह वह सीट है, जहां राम मंदिर है और यहां से भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भाजपा अपनी हार का बदला ले पाएगी। मझवा सीट से 2022 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने अपनी जगह बनाई थी। इससे पहले 2017 में भाजपा ने जीत हासिल की थी। यह सीट मिर्जापुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है लोकसभा चुनाव 2024 की बात करें तो इस सीट से अपना दल की नेता और NDA की सहयोगी अनुप्रिया पटेल ने जीत दर्ज की, लेकिन सिर्फ 2000 वोटों के अंतर से। ऐसे में इस सीट से भाजपा कमजोर नजर आ रही है। यह सीट 2017 से भाजपा के पास है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह पटेल ने मात्र 2732 वोटों के मार्जिन से चुनाव जीता था। इसका सीधा तात्पर्य यह है कि भाजपा इस सीट पर काफी कमजोर है। यह सीट रायबरेली लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। लोकसभा चुनाव 2024 में इस सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारी मतों से जीत कर इतिहास रचा था। विधानसभा चुनाव के नतीजों में यह सीट 2012 से ही सपा के मनोज कुमार पांडे के कब्जे में रही है। अब मनोज कुमार पांडेय भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में क्या सपा अपना गढ़ बचा पाएगी या नहीं देखना दिलचस्प होगा।