बीमा पॉलिसी रिन्यू के लिए आया फोन और हो गई 2.67 करोड़ की ठगी, ऐसे खुला केस

  1. Home
  2. उत्तर प्रदेश
  3. नोएडा

बीमा पॉलिसी रिन्यू के लिए आया फोन और हो गई 2.67 करोड़ की ठगी, ऐसे खुला केस

बीमा पॉलिसी रिन्यू के लिए आया फोन और हो गई 2.67 करोड़ की ठगी, ऐसे खुला केस

उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने करीब पांच साल बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने करीब पांच साल बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोनों ने वर्श 2018 में 79 साल के एक बुजुर्ग से बीमा पॉलिसी रिन्यू करने के नाम पर 2.67 करोड़ रुपये की ठगी की थी। आरोपी तभी से फरार थे। बताया गया है कि इस मामले का मुकदमा वर्ष 2020 में दर्ज किया गया था।

2005 में एक बड़ी निजी कंपनी से हुए थे रिटायर्ड

नोएडा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि इस मामले का खुलासा और आरोपियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें पिछले तीन साल से लगी हुई थीं। जानकारी के मुताबिक 79 वर्षीय व्यक्ति वर्ष 2005 में एक प्रतिष्ठित निजी कंपनी से सेवानिवृत्त हुए।

पीड़ित के बैंक खाते से 14 खातों में भेजी रकम

उन्होंने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि 2018 में उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। उसने कहा कि उनकी बीमा पॉलिसी खत्म हो गई है। अगर वह अपनी पॉलिसी को चालू रखना चाहते हैं तो कुछ राशि का भुगतान कर दें। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद दो साल में उनके खाते से 14 अलग-अलग बैंक खातों में 2.67 करोड़ रुपये भेजे गए।

पुलिस ने पैसों के लेन-देन को ट्रैक किया

इसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर सेक्टर-20 थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच में सामने आया कि आरोपी फर्जी दस्तावेजों पर जारी कराए गए सिम कार्डों से पीड़ित से बात कर रहे थे। इसके बाद टीम ने पैसों के लेनदेन के ट्रैक पर काम करना शुरू कर दिया। आखिरकार दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। संदिग्धों की पहचान करुणेश द्विवेदी और अनिल शर्मा के रूप में हुई। दोनों पंजाब के रहने वाले हैं।

मामले में अभी और होंगी गिरफ्तारियां

पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने आरोपियों के पांच साथियों की भी पहचान की है। उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमों को लगाया गया है। संदिग्धों से जुड़े छह बैंक खातों को फ्रीज करने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि अभी तक धोखाधड़ी के पैसों की बरामदगी नहीं हो पाई है।