‘खूनी कोठी’ पर पत्थर बरसाने लगा पिता, निठारी कांड के दोषियों की फांसी रद्द होने पर छलका दर्द

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‘खूनी कोठी’ पर पत्थर बरसाने लगा पिता, निठारी कांड के दोषियों की फांसी रद्द होने पर छलका दर्द

 ‘खूनी कोठी’ पर पत्थर बरसाने लगा पिता, निठारी कांड के दोषियों की फांसी रद्द होने पर छलका दर्द

यूपी के चर्चित निठारी कांड ने पूरे देश को झंकझोर दिया था


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। यूपी के चर्चित निठारी कांड ने पूरे देश को झंकझोर दिया था। इस कांड के मुख्य दोषी सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुछ मामलों में बरी कर दिया। कोर्ट की ओर से सामने आए इस फैसले ने पूरे देश को एक बार फिर निठारी कांड की याद दिला दी। सोमवार को कोर्ट की ओर से सुनाए गए फैसले से नाराज एक मासूम के पिता ने निठारी की D-5 कोठी पर पत्थर बरसाए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जाता है कि पीड़ित पिता ने अपने जिगर के टुकड़े यानी अपने बेटे को इसी कांड में खो दिया था।

नाराज पिता ने बरसाए पत्थर

आपको बता दें कि सोमवार को निठारी के पीड़ित परिजनों को इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले से गहरा दुख पहुंचा। हाईकोर्ट कोर्ट ने निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को कुछ मामलों में राहत देते हुए उनकी फांसी की सजा को रद्द कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से नाराज पीड़ित पिता रामकिशन ने निठारी की D-5 कोठी पर गुस्से में पत्थर बरसा दिए। मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित रामकिशन निठारी में बनी पानी की टंकी के पास रहते हैं।

18 साल पहले पीड़ित पिता ने खोया था बेटा

बताया जाता है कि पीड़ित राम किशन का बीते साल 2006 में साढ़े 3 वर्षीय बेटा हर्ष गायब हो गया था। बड़े बड़े मामलों के बीच जब निठारी कांड का खुलासा हुआ और शवों को बरामद किया गया, तब पुलिस को रामकिशन के बेटे के कपड़े और चप्पल भी मिलीं थी। रामकिशन अपने बेटे के हत्यारों की मौत की सजा की उम्मीद लगाकर बैठे थे लेकिन कोर्ट के फैसले ने उनकी सारी उम्मीदें को तोड़ दिया। कोर्ट का फैसला आते ही रामकिशन D-5 कोठी पहुंचे और आंखों में आंसू लेकर कोठी पर अचानक पत्थर बरसाने लगे।

सुरेंद्र कोली को 12 और मोनिंदर सिंह पंढेर को 2 मामलों में किया गया बरी

आपको बताते चलें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2006 के निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को 12 और मोनिंदर सिंह पंढेर को 2 मामलों में बरी किया है। सुनवाई के दौरान, आरोपियों ने दलील दी कि इन घटनाओं का कोई गवाह नहीं है और सिर्फ वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराकर फांसी की सजा सुनाई गई है। जानकारी के मुताबिक, दोषी पंढेर की नोएडा स्थित 5- D कोठी का कोली रखरखाव करता था, इसके साथ ही लड़कियों और बच्चों को लालच देकर कोठी में लाने का काम करता था।