जिस घर से उठनी थी बेटी की डोली, वहां से उठेगी पिता की अर्थी

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जिस घर से उठनी थी बेटी की डोली, वहां से उठेगी पिता की अर्थी

जिस घर से उठनी थी बेटी की डोली, वहां से उठेगी पिता की अर्थी


मुरादाबाद। जिस घर में चंद घंटे बाद शहनाई गूंजनी थी। वहां चीख पुकार मची है। बेटी अपने भाग्य को कोस रही है। वह अगले ही दिन डोली में बैठकर घर से ससुराल के लिए विदा होती, लेकिन कन्यादान करने वाले उसके पिता ही नहीं रहे। घर से बेटी की डोली की जगह अब उसके पिता की अर्थी उठेगी। हादसे की वजह से पूरे मोहल्ले में गमगीन माहौल है।

मझोला थानाक्षेत्र के जयंतीपुर के पूरन दिवाकर फर्म में नौकरी करते थे। उनकी चार बेटियां रेनू, गीता, मोनिका, पूजा और एक बेटा गौरव है। रेनू की शादी हो चुकी है। परिवार के लोगों ने बताया कि पूरन ने अपनी बेटी गीता का रिश्ता उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर के सुल्तानपुर पट्टी निवासी कन्हैया दिवाकर से तय किया था। शुक्रवार रात लगन की रस्में पूरी करने के बाद पूरन दिवाकर अपने रिश्तेदारों और परिचितों के साथ सुल्तानपुर पट्टी से घर लौट रहे थे। मुरादाबाद-बाजपुर मार्ग पर सीकमपुर गांव के पास इनका वाहन पलट गया। इस हादसे में पूरन समेत पांच लोगों की मौत हो गई।

घर में उनके लौटने का इंतजार चल रहा था। इसी बीच एक कॉल आई। जिसे सुनकर घर में चीख पुकार मच गई। कॉल करने वाले ने बताया कि मारुति ईको वाहन सवार लोग हादसे शिकार हो गए हैं। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई है। कुछ ही देर में हादसे की जानकारी मोहल्ले में फैल गई और पूरन के घर भीड़ जुट गई।
हम निकल गए हैं, जल्द घर पहुंच जाएंगे
बेटी की लगन की रस्में पूरी करने के बाद पूरन दिवाकर ने अपनी पत्नी सरोज को कॉल की थी। उन्होंने कहा था कि यहां सभी रस्में पूरी हो गई हैं। हम लोग वाहन में सवार हो गए हैं। जल्द ही घर पहुंच जाएंगे। पूरन ने अपनी पत्नी के अलावा बेटियों से भी फोन पर बात की थी। पूरा परिवार बहुत खुश था।
घर में चल रही थीं बरात के स्वागत की तैयारियां
लगन समारोह में जाते समय पूरन ने कुछ रिश्तेदार और परिवार के लोगों को घर की छोड़ दिया था। ताकि शनिवार को आने वाली बरात के स्वागत और खाने की तैयारियां पूरी कर हो जाएं। पूरन के घर को सजाया जा रहा था। घर के पास ही बरात को ठहराने के लिए टेंट लगाया गया था।
हादसे में पूरन के तीन पड़ोसियों की गई जान
हादसे में जान गंवाने वाले देवेंद्र सिंह तोमर (45), मुकेश वर्मा और परमवीर सिंह ठाकुर (30) पूरन के पड़ोसी हैं। पूरन तीनों पड़ोसियों को अपने साथ ही मारुति ईको में बैठाकर ले गए थे। पूरन ने अपने साले विनोद को भी ईको में ही बैठा लिया था। देवेंद्र सिंह फर्म में काम करते थे। परमवीर पल्लेदारी और मुकेश वेल्डर थे। हादसे के बाद से इनके घरों में भी कोहराम मचा है।

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