टूटी परंपराः विधवा और बेसहारा माताओं की बेरंग जिंदगी में बिखरे होली के रंग

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टूटी परंपराः विधवा और बेसहारा माताओं की बेरंग जिंदगी में बिखरे होली के रंग

टूटी परंपराः विधवा और बेसहारा माताओं की बेरंग जिंदगी में बिखरे होली के रंग

उत्तर प्रदेश के मथुरा में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा को तोड़कर


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश के मथुरा में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा को तोड़कर नई लीक रखी गई। यहां सोमवार को वृंदावन के आश्रय सदनों में रह रहीं विधवा और बेसहारा माताओं ने रंगों की होली खेल अपने बेरंग जीवन में रंग भरने का प्रयास किया। वृंदावन का राधा गोपीनाथ मंदिर सदियों पुरानी परंपरा के टूटने का फिर साक्षी बना।

सोमवार की दोपहर को फूलों और गुलाल से होली खेली गई। इस होली के दौरान विधवाओं का उत्साह उनकी खुशी का इजहार कर रहा था। होली के भजन और गीतों की धुन पर नृत्य करतीं विधवाओं को देखकर ऐसा लग रहा था मानो उन्होंने अपनी अतीत की जिंदगी के काले पल को पीछे छोड़ दिया है। होली में सैकड़ों किलो विभिन्न प्रकार के फूलों से बने रंग बिरंगे गुलाल को उड़ाया।

ज्ञात हो कि विधवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संस्था सुलभ इंटरनेशनल कार्य कर रही है। विधवा और बेसहारा माताओं के इस प्रयास में संस्था सहयोगी बनकर सामने आई। संस्था की ओर से वृंदावन के सप्त देवालयों में से एक राधा गोपीनाथ मंदिर प्रांगण में फूलों और गुलाल का होली महोत्सव आयोजित किया गया।

संस्था के संस्थापक डॉ. विंदेश्वर पाठक ने कहा कि विधवा और निराश्रित महिलाओं की जिंदगी में नए रंग भरने का मौका लाकर सुलभ ने समाज को यह संदेश देने की कोशिश की है। ये माताएं भी समाज का उतना ही महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जितने दूसरे लोग। उन्होंने कहा कि सुलभ इंटरनेशनल वृंदावन की विधवा और निराश्रित महिलाओं की देखभाल के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहा है। राधा गोपीनाथ मंदिर के सेवायत राजा गोस्वामी ने कहा कि वृंदावन की होली अपने आप में दिव्य है। 

अमेरिका, जर्मनी, ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया और थाइलैंड से आए भक्त

आश्रय सदनों में रहने वाली विधवा और निराश्रित महिलाओं की होली में शामिल होने के लिए विदेशी पर्यटक भी बड़ी तादात में पहुंचे। अमेरिका, जर्मनी, ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया और थाइलैंड से आए भक्त आए और होली में शामिल हुए। विदेशी पर्यटकों ने होली खेली और रंग में खुद को रंग लिया।