नोटिस के बाद भी नहीं खाली हुई रेलवे कॉलोनी, लखनऊ के 194 लोगों को नोटिस दी गई, इतने ही हुए खाली

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नोटिस के बाद भी नहीं खाली हुई रेलवे कॉलोनी, लखनऊ के 194 लोगों को नोटिस दी गई, इतने ही हुए खाली

नोटिस के बाद भी नहीं खाली हुई रेलवे कॉलोनी, लखनऊ के 194 लोगों को नोटिस दी गई, इतने ही हुए खाली

लखनऊ में 5 मौत के बाद भी रेलवे की कॉलोनियों में रहने वाले लोग मकान नहीं खाली कर रहे हैं


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। लखनऊ में 5 मौत के बाद भी रेलवे की कॉलोनियों में रहने वाले लोग मकान नहीं खाली कर रहे हैं। रेलवे की तरफ से 194 लोगों को नोटिस दी गई थी। उसमें से महज 40 लोगों ने ही मकान खाली किया है। इसकी मियाद 21 सितंबर तक पूरी हो रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि फतेहअली, ‌भिलावां, शांतिपुरम, कनौसी रेलवे कॉलोनी के 40 जर्जर आवास खाली कर दी गए हैं।

रेलवे को उम्मीद है कि जल्द ही अन्य आवास भी खाली करवा लिए जाएंगे। उसके बाद उनको तोड़ने का काम किया जाएगा। जिससे कि कोई दूसरा व्यक्ति उसमें रहने न लगे। दूसरी तरफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मृतक के परिवार के लोगों से मुलाकात की। पिछले दिनों लोको वर्कशॉप में कार्यरत संविदा सफाईकर्मी सतीश, उसकी पत्नी सलोनी, बच्चे हर्षिता, हर्षित व अंश की मौत उनके फतेहअली रेलवे कॉलोनी के आवास की छत गिर जाने से हो गई थी।

हर संभव मदद का दिया आश्वास

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जर्जर आवासों में रह रहे लोगों से हालचाल लिया। उन्होंने लोगों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उनको बताया गया कि कॉलोनी में 65 आवास रेलवे द्वारा आवंटित किए गए हैं। जिनकों अब तोड़ना है।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को मृतक के भाई अमित ने जर्जर आवासों में रहने वालों की पीड़ा बताई। स्‍थानीय निवासी जीनत ने बताया कि रेलवे कॉलोनियों के जर्जर आवासों को किराए पर उठाने का कारोबार रेलवे इंजीनियर व आरपीएफ मिलकर करती है।

बताया जा रहा है कि इसमें पांच से छह हजार रुपए महीना लिया जाता है। हालांकि यह अभी तक आरोप है कोई भी व्यक्ति इन आरोपों से संबंधित सबूत नहीं दे पाया है।