यूपी की विधानसभा में 'छक्कों' पर बहस, योगी के तंज पर अखिलेश ने क्या कह दिया, माहौल बिगड़ा

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यूपी की विधानसभा में 'छक्कों' पर बहस, योगी के तंज पर अखिलेश ने क्या कह दिया, माहौल बिगड़ा

यूपी की विधानसभा में 'छक्कों' पर बहस

उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान रविवार का दिन काफी हंगामेदार रहा।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान रविवार का दिन काफी हंगामेदार रहा। सीएम योगी आदित्यनाथ राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद और विपक्ष के सवालों पर जवाब दे रहे थे। इस दौरान सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। बीते दिनों अखिलेश यादव की ओर से लगाए गए आरोपों पर जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ पूरे रंग में नजर आए। कभी वह सपा के आरोपों पर तमतमाए तो कभी अपने तंज भरे लहजे से विपक्षी दल की खूब बखिया उधेड़ी। इस बीच एक 'बात' को लेकर योगी और अखिलेश में सीधी, तीखी और आपत्तिजनक बहस हो गई।

क्या थी बात

दरअसल, अखिलेश यादव के क्रिकेट पर टिप्पणी करते हुए योगी आदित्यनाथ ने उनके कार्यकाल के दौरान के एक हाई प्रोफाइल टूर्नामेंट का किस्सा सुनाया। योगी ने नवभारत टाइम्स अखबार की 16 फरवरी 2014 की रिपोर्ट को विधानसभा में पढ़कर सुनाया, जिसमें सपा सरकार के समय में सीएम इलेवन और अधिकारियों की टीम के साथ एक क्रिकेट मैच खेला गया था। अखिलेश के खेल की चुटकी लेते हुए योगी ने अखबार की कतरन पढ़ते हुए कहा, 'इसमें लिखा है - 'सीएम के आते ही बरसे रन'... 12वें ओवर में सीएम का शॉट सीधे आलोक रंजन के हाथ में चिपक गया। ये क्रिकेट खेल रहे हैं। पहली बाल में कैच आउट हो रहे हैं लेकिन वहां से कह दिया जाता है कि ये तो नो बॉल है। अगर वह एक छक्का मारते तो कहते कि अरे छक्का मार दिया तो ये ऐसे ही छक्के हैं। नो बॉल को छक्के से जोड़ देंगे।'

किस पर बवाल, क्या बोले अखिलेश?

योगी के बयान में आए 'ये ऐसे ही छक्के हैं' को लेकर भाजपा विधायकों ने जमकर हूटिंग कर दी और सदन में खूब ठहाके लगाए गए। इस पर सपा मुखिया अखिलेश काफी नाराज हो गए। इसके बाद जब योगी ने अपना भाषण खत्म कर लिया तो उन्होंने जवाब में ऐसी टिप्पणी की, जिससे कुछ देर के लिए सदन में माहौल असहज हो गया। अखिलेश ने कहा, अध्यक्ष महोदय, ये (योगी आदित्यनाथ) कुछ और 'छक्का' समझ गए। क्रिकेट के सिक्सर को ये छक्का समझ गए और फिर बोले, मैं तो वो हूं जो अकेला आता हूं, अकेला चला जाता हूं। मैंने तो कहीं नहीं पढ़ा कि छक्कों की भी शादियां होती है।'

अखिलेश के ऐसा कहने पर स्पीकर ने उन्हें टोक दिया और अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा। इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ गई लेकिन सदन में इस तरह की टिप्पणी से उसकी प्रतिष्ठा और मर्यादित आचार को लेकर फिर से बहस शुरू हो गई है।