उप्र में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला, लखनऊ में चयनित शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री का घेरा घर

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उप्र में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला, लखनऊ में चयनित शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री का घेरा घर

उप्र में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला, लखनऊ में चयनित शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री का घेरा घर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार (15 मार्च) को सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार (15 मार्च) को सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह (स्वतंत्र प्रभार) के आवास पर विरोध प्रदर्शन किया। हंगामे को देख पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और आलगबाग के ईको गार्डन ले गए। यहां भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया। इनकी मांग है कि 6800 अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए सरकार हाईकोर्ट में ठीक से पैरवी करे।

69000 शिक्षक भर्ती मामले में आया था हाईकोर्ट का फैसला

जानकारी के मुताबिक हाल ही में हाईकोर्ट की एक बेंच ने 69000 शिक्षक भर्ती में फैसला दिया था। इसके बाद 6800 पदों के लिए भर्ती रोक लगा दी गई। कोर्ट ने आरक्षण पीड़ितों की दलीलों को मानते हुए सरकार से कहा है कि तीन माह में दोबारा सूची तैयार की जाए। इसको लेकर सहायक शिक्षक लखनऊ में इकट्ठा हुए। उन्होंने प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान हंगामे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।

हिरासत में लिए गए प्रदर्शन करने वाले

पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। उन्हें आलगबाग स्थित ईको गार्डन में ले गए। यहां प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि प्रदेश सरकार हाईकोर्ट की बेंच के सामने शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में सही से पैरवी की। उन्होंने कहा कि भर्ती में आरक्षण निमयावली का पालन नहीं किया गया था, जिसके कारण आज ये सब हुआ।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार से की ये मांग

उन्होंने मांग की है कि प्रदेश सरकार 13 दिन के भीतर हाईकोर्ट में स्पेशल अपील करे। इससे पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को राहत और न्याय मिल सके। नहीं तो शिक्षक सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के आदेश का भी पालन नहीं किया है। दोनों आयोग ने कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की विसंगतियों को सुधारा जाए।