मेरा सपना अधूरा रह गया...लिखकर रेलवे अफसर के बेटे ने दी जान, मालिक को बचाने में लगा रहा पालतू कुत्ता

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मेरा सपना अधूरा रह गया...लिखकर रेलवे अफसर के बेटे ने दी जान, मालिक को बचाने में लगा रहा पालतू कुत्ता

मेरा सपना अधूरा रह गया...लिखकर रेलवे अफसर के बेटे ने दी जान, मालिक को बचाने में लगा रहा पालतू कुत्ता

झांसी शहर की पॉश पंचवटी कॉलोनी में यूपीएससी परीक्षा में दो बार असफल हुए डीआरएम कार्यालय में बजट अनुभाग


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। झांसी शहर की पॉश पंचवटी कॉलोनी में यूपीएससी परीक्षा में दो बार असफल हुए डीआरएम कार्यालय में बजट अनुभाग अधिकारी के इकलौते बेटे ने रविवार को फंदे पर लटक कर जान दे दी। इस दौरान उसका पालतू कुत्ता लगातार उसे बचाने की कोशिश करता रहा। लेकिन, उसे बचा नहीं सका। मालिक की मौत से दुखी कुत्ते ने मृतक के पिता की सूचना पर घर पहुंचे चौकी इंचार्ज को भी बुरी तरह काटकर घायल कर दिया गया। 

नगर निगम की टीम ने कुत्ते को किसी तरह जाल डालकर पकड़ा। तब पुलिस घर में घुस सकी। पुलिस को घर में युवक की डायरी मिली है, इसमें उसने अपना सपना अधूरा रह जाने की बात लिखी है। घटना के वक्त उसके पिता पत्नी का इलाज कराने भोपाल गए थे।

नालंदा ओम गार्डन निवासी आनंद अग्निहोत्री डीआरएम कार्यालय में बजट अनुभाग अधिकारी हैं। उनका इकलौता बेटा संभव (25) यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। मामा अभिषेक के मुताबिक संभव की मां की कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। उनका इलाज कराने आनंद उनको लेकर भोपाल गए थे। संभव घर में अकेला था। 

रविवार रात करीब 10 बजे पिता आनंद ने संभव को फोन किया लेकिन, उसने फोन नहीं उठाया। पिता ने पड़ोसियों को घर भेजा लेकिन, काफी देर तक घंटी बजाने के बाद भी संभव बाहर नहीं निकला। घर में सिर्फ उनके पालतू कुत्ते एलेक्स के भौंकने की आवाज आ रही थी। ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका से सहमे पिता ने पुलिस को सूचना दे दी।

थोड़ी देर में उन्नाव गेट चौकी इंचार्ज शिवम सिंह मौके पर पहुंच गए। किसी तरह उन्होंने अंदर जाने का प्रयास किया लेकिन, कुत्ते एलेक्स ने उनको काटकर जख्मी कर दिया। एलेक्स किसी को भीतर नहीं आने दे रहा था। यह देखकर नगर निगम की टीम को बुलाया गया। नगर निगम टीम ने जाल डालकर किसी तरह पालतू कुत्ते को काबू में किया।

 इसके बाद दरवाजा तोड़कर जब पुलिस भीतर पहुंची तो वहां संभव फंदे से लटका था। परिजन भी सोमवार की भोर में झांसी पहुंच गए। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। कोतवाल संजय गुप्ता के मुताबिक परिजनों ने संभव के डिप्रेशन में रहने की बात बताई है। परिजनों का कहना है कि परीक्षा में कामयाबी न मिलने की वजह से वह हताश रहता था।

उधर, संभव के फांसी लगाने के दौरान एलेक्स वहां मौजूद था। संभव का शव देखने से मालूम चल रहा था कि उसे फांसी लगाता देख एलेक्स काफी परेशान हो गया था। संभव के कपड़ों और पैरों पर कुत्ते के पंजे के खरोंच के निशान मिले हैं। संभव के फांसी लगाने के बाद करीब चार घंटे तक उसने घर के भीतर किसी को भी घुसने नहीं दिया।

कुछ ही देर बाद हो गई कुत्ते की भी मौत

संभव ने करीब पांच साल पहले जिस जर्मन शेफर्ड कुत्ते एलेक्स को बड़े प्यार से पाला, उसकी मौत भी संभव की मौत के कुछ देर बाद ही हो गई। संभव को एलेक्स से काफी लगाव था। उसकी वजह से संभव कहीं बाहर नहीं जाता था। वह एलेक्स को कभी अकेला नहीं छोड़ता था। संभव की मौत के बाद से ही एलेक्स काफी आक्रामक हो उठा हो था।

इसी वजह से चौकी इंचार्ज शिवम सिंह को भी काटकर उसने घायल कर दिया था। उसे काबू में करने को इंजेक्शन लगाया गया लेकिन, इंजेक्शन का ओवरडोज हो जाने से कुछ देर बाद उसकी भी मौत हो गई। बेटे की मौत के बाद उसके प्यारे पालतू कुत्ते की मौत ने परिवार के लोगों को और भी दुखी कर दिया।

मेरा सपना अधूरा रह गया...

कमरे की तलाशी के दौरान पुलिस को कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ लेकिन, पुलिस ने संभव की एक नोट बुक (डायरी) बरामद की है। संभव ने इसमें अपने बारे में कई बातें लिखीं हैं। पिछली बार यूपीएससी का परिणाम आने के बाद उसने लिखा कि लगता है कि मेरा सपना अधूरा रह गया। परिजनों का भी कहना था कि संभव पढ़ाई में होनहार था लेकिन, काफी जल्दी दबाव में आ जाता था। परीक्षा में दो बार असफल होने पर परिजनों ने उसे काफी समझाया लेकिन, उसके बावजूद वह हमेशा परेशान ही रहता था।