यूपी में रावण पर पहले चढ़ता है शराब का भोग… फिर दहन के लिए होता है तैयार

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यूपी में रावण पर पहले चढ़ता है शराब का भोग… फिर दहन के लिए होता है तैयार

यूपी में रावण पर पहले चढ़ता है शराब का भोग… फिर दहन के लिए होता है तैयार

नवरात्रि के ठीक बाद दशमी के पर्व पर देशभर में रावण का पुतला दहन होता है


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। नवरात्रि के ठीक बाद दशमी के पर्व पर देशभर में रावण का पुतला दहन होता है। और इसी के चलते आज भी दशहरा के मौके पर अलग अलग जगहों पर रावण के पुतले का दहन कार्यक्रम होता है। इस दशहरा को लेकर देश के कुछ हिस्सों में काफी प्राचीन कहानियां प्रचलित हैं, जो कि हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती हैं। दशहरा से जुड़ा हुआ ऐसा ही एक किस्सा यूपी के मेरठ से जुड़ा है। बताया जाता है कि मेरठ के लोग आज भी मानते हैं कि रावण जिंदा है। ये बात थोड़ी अटपटी लगेगी, लेकिन ये सच है और इसका जीता जागता उदाहरण मेरठ में दशहरे के मौके पर देखने को मिल जाता है, जहां दशहरे वाले दिन पुतला दहन के लिए रावण के पुतले को खड़ा करने से पहले मदिरा यानी शराब का भोग लगाया जाता है। स्थानीय लोगों ने इसके पीछे अजीबोगरीब कारण बताया है।

5 साल से चल रही शराब के भोग की प्रथा, तब से रावण माना जाता है जिंदा

आपको बताते चलें कि मेरठ में वर्षों से रामलीला कमेटी मेरठ की ओर से छावनी रामलीला का आयोजन किया जाता है। वहीं, रामलीला कमेटी के महामंत्री गणेश अग्रवाल की ओर से शराब भोग लगाने वाले मामले पर बताया गया कि आज से पांच साल पहले बगैर मदिरा के भोग लगाए दशहरा के दिन रावण के पुतले को खड़ा करने का प्रयास किया गया था लेकिन कई घंटे समय बिताने और प्रयास करने के बाद भी पुतला खड़ा नही हो पाया। काफी प्रयास के बाद जब अंत में शराब का भोग लगाकर पूजा की गई और साथ में माफी मांगी गई, तब जाकर पुतला मिनटों में खड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि उस घटना के बाद से ही इस बात का एहसास हुआ कि रावण अभी मरा नहीं बल्कि आज भी जिंदा है।

रावण की ससुराल है यूपी का मेरठ जिला

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूपी के मेरठ जिले को रावण की ससुराल कहा जाता है। बताया जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी मेरठ की रहने वाली थीं। पौराणिक काल की बात करें तो यूपी का मेरठ जिला पहले मय दानव का राज्य हुआ करता था और मयराष्ट्र के नाम से प्रचलित था। उसके बाद से ये जिला मेरु और फिर अब मेरठ के नाम से जाना जाने लगा। मेरी जिले से जुड़ी ये बातें इतिहास के पन्‍नों में भी दर्ज है।