मऊ क्षेत्र में पशुओं के लिए गहराता पानी का संकट

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मऊ क्षेत्र में पशुओं के लिए गहराता पानी का संकट

गर्मियों के दिनों मे दम तोड़ते जा रही नदिया

गर्मियों के दिनों मे दम तोड़ते जा रही नदिया


संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट

क्षेत्र के मऊ एवं मवई कला गांव के बीच बहने वाली कौशिकी नदी पर मवई को जोड़ने वाली पुलिया के पास बना चेकडैम कई वर्षों से धराशयी है। घटिया निर्माण सामग्री से बना चेकडैम अपने ऊपर भ्रष्टाचार की हुई ज्यादती को बयां कर रहा है। चेकडैम के बनने के दौरान नदी पर बरसात का पानी रुक जाता था। जिससे पशुओं के पीने का पानी उपलब्ध रहता था। ऐसे में अब चेकडैम के अवशेष अधिक पानी को रोकने में असमर्थ है।

चेकडैम के पास नदी की तलहटी में भरा पानी पाइप लीकेज होने के कारण इकट्ठा तो हो रहा है, लेकिन वो अपर्याप्त है। बहरहाल गांव-गांव पाइप लाइन लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराने के लिए बिछाई गई है, लेकिन उसमें कई जगहों पर लीकेज है। जिससे पानी बर्बाद होता है। हालांकि नदी पर इकट्ठा हो रहा पानी आखिरकार कुछ न कुछ पशुओं के थोड़ा बहुत काम तो आता है, लेकिन सड़कों पर लीकेज पाइप पानी को बर्बाद कर रहा है।

कौशिकी नदी के आसपास ग्रामीण अपने पशुओं को चराने के लिए लाते हैं, लेकिन पूरी नदी सूख चुकी है। चेकडैम के पास पानी की कमी होने से उनके माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं हैं। अपने पालतू पशुओं को चरा रही महिला किसान धनपतिया कहती हैं कि चेकडैम तो कई वर्षों से टूटा हुआ है। जिससे नदी पर पानी ही नहीं रुकता और जो थोड़ा बहुत पानी बचता भी है वो दिसंबर में ही सूख जाता है। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में जो भी छोटी नदियां हैं उनको नहरों से जोड़ दिया जाए। ताकि लोगों को पानी की समस्याओं से निजात मिल सके।