इंतजार और बहिष्कार के बाद संपन्न हुआ मतदान

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इंतजार और बहिष्कार के बाद संपन्न हुआ मतदान

आक्रोशित ग्रामीणों को समझाते पुलिस कर्मी

आक्रोशित ग्रामीणों को समझाते पुलिस कर्मी


:सड़क बनाने व अलग ग्राम पंचायत की मांग को लेकर ग्रामीणों में रहा रोष
:बरुआ गांव में करीब सात घंटे नहीं हुआ मतदान, एडीएम के आश्वासन पर माने ग्रामीण

संवाददाता विवेक मिश्रा 
चित्रकूट

18वें लोकसभा निर्वाचन के लिए मतदान सुबह सात बजे से रफ्तार से शुरू हुआ। कुछ बूथों में ईवीएम की खराबी के चलते मतदाताओं को इंतजार करना पड़ा। सड़क न बनने से नाराज एक गांव के ग्रामीणों ने करीब सात घंटे तक मत नहीं डाले। प्रचंड धूप के चलते दोपहर बाद लगभग दो घंटे मतदान कछुआ की चाल रहा। फिर अचानक बादल छाने से तेजी आई। डीएम-एसपी पोलिंग बूथों का लगातार भ्रमण कर जायजा लेते रहे।

सोमवार को बांदा-चित्रकूट संसदीय क्षेत्र के लिए सवेरे सात बजे से जिले की चित्रकूट और मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र के 851 बूथों में मतदान प्रारंभ हुआ। सुबह धूप में नरमी होने के चलते तेजी से वोट पड़े। मतदाता जल्दी अपने घरों से निकल कर बूथों में जाकर मत का प्रयोग किया। सूरज के चढ़ते ही 12 बजे से दो बजे तक रफ्तार धीमी हो गई। मतदान के शुरुआत में आदर्श बूथ चित्रकूट इंटर कालेज में ईवीएम में खराबी के चलते 40 मिनट तक मतदाताओं को इंतजार करना पड़ा। डीएम अभिषेक आनंद ने भी इसी बूथ पर वोट डाला। इस दौरान डीएम व एसपी ने दिव्यांग मतदाताओं का हौसला बढ़ाया। पाठा क्षेत्र के चुरेह केशरुआ के मजरा गुरौला बूथ संख्या 394 में ईवीएम में कमी आई। जिससे कुछ देर तक मतदान रूका रहा। इसी प्रकार मुख्यालय से सटे बनकट के बूथ संख्या 220 में ईवीएम की गड़बड़ी से वोटिंग देरी से शुरू हुई। हरिजनपुर के बूथ संख्या 392 में ईवीएम खराब होने से मतदाताओं को इंतजार करना पड़ा। ग्राम पंचायत इटवा के बड़ी पाटिन छोटी पाटिन के ग्रामीणों ने अलग ग्राम पंचायत की मांग पर अड़ गए।

प्रशासन के मान मनौव्वल पर करीब एक घंटे बाद वोट डालना शुरू किया। रामनगर ब्लाक क्षेत्र के बरुआ बूथ संख्या 48 कंपोजिट विद्यालय बरुआ में मतदाताओं ने मत का प्रयोग करने से मना कर दिया। सवेरे सात बजे से वोटिंग शुरू हुई। साढ़े आठ बजे तक महज 14 वोट पड़े। जिसमें 4 पुरुष व 10 महिलाओं ने वोट किया। इसके बाद ग्रामीण एकत्र होकर वोट न डालने का मन बना लिया। यहां तक कि ग्राम प्रधान ने भी वोट नहीं डाला। इसकी भनक लगते ही एसडीएम प्रमोद कुमार झा, जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित पुलिस बल पहुंच गया।

सूचना पर जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, नगर पालिका अध्यक्ष नरेन्द्र गुप्ता समेत भाजपा नेता, बसपा कोआर्डिनेटर कौशलेन्द्र सिंह आदि आ गए। ग्रामीणों को समझाते रहे, लेकिन मतदाताओं ने वोट डालना शुरू नहीं किया तो प्रशासनिक अमला और नेता वापस चले आए। ग्रामीण लगातार सड़क बनवाने की मांग पर अड़े रहे। डीएम व एडीएम के आने की बात कही। इस पर एडीएम उमेश चन्द्र निगम, एसडीएम प्रमोद कुमार झा, एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी, सीओ राजापुर निष्ठा उपाध्याय पहुंचे और ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार जर्जर सड़क को बनवाने की मांग प्रशासन से कर चुके है, लेकिन कोई निदान नहीं हुआ। एडीएम ने आश्वासन दिया कि दो दिन बाद सड़क पर लेबलिंग का कार्य शुरू होगा। तब कहीं जाकर ग्रामीणों ने करीब सवा तीन बजे मतदान शुरू किया।

सड़क बनाने को कई बार कर चुके हैं मिन्नते

राजापुर तहसील क्षेत्र के बरुआ गांव के ग्रामीण रजुलिया सिंह, विपिन सिंह आदि ने बताया कि सड़क खराब होने के चलते आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश होने पर बाइक व अन्य वाहनों से निकलना टेढ़ी खीर हो जाती है। सड़क में फिसलन होने से लोग गिरकर चुटहिल होते हैं। बारिश के मौसम में एम्बुलेंस भी गांव तक नहीं पहुंच पाती। यह समस्या कई वर्षो से बनी है। बार-बार प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद कोई निदान नहीं हुआ।