एक्शन: सीएम योगी ने संभागीय निरीक्षक प्राविधिक को किया निलंबित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फाइल फोटो
संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट
सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सीएम योगी का एक्शन जारी है। योगी सरकार ने जनपद के अंतर्गत स्कूली बस का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में लापरवाही पर एक्शन लेते हुए जिले के संभागीय निरीक्षक प्राविधिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जबकि सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सरकारी कार्यों में किसी भी तरह की हीलाहवाली न की जाए। खासतौर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों पर सीएम योगी ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को जनपद के श्रीजी इण्टरनेशनल स्कूल खोह के छोटे बच्चों को लेकर आ रही दो बसों को वाहन की फिटनेस समाप्त हो जाने के कारण सहायक संभागीय परिहन अधिकारी प्रवर्तन चित्रकूट की टीम ने सीज कर बच्चों सहित 10 किमी दूर पुलिस लाइन ले जाया गया था। वाहन को दोपहर के समय सीज कर फायर सर्विस परिसर पुलिस लाइन में दाखिल किया गया व काफी देर बाद छोडा गया। अभिभावकों का आरोप है कि इसके चलते करीब दो घंटे तक बस को खडा रखा गया। जबकि संभागीय निरीक्षक प्राविधिक गुलाब चंद्र को सम्बन्धित स्कूलों में जाकर स्कूली बसों के फिटनेस चेक करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उनके द्वारा आदेशों की अवहेलना की गई। जिसके कारण दोनों वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पाया। ऐसे में वाहनों को सीज करना पडा। जिससे बच्चों को भी तकलीफ हुई।
बुधवार को मामला संज्ञान में आने के बाद योगी सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए दोषी अधिकारियों पर कडी कार्रवाई की। इसके तहत संभागीय निरीक्षक प्राविधिक गुलाब चंद्र को प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाए जाने के कारण उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन विवेक कुमार शुक्ला के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की गई है। साथ ही प्रदेश में परिवहन विभाग से जुडे समस्त कर्मियों को भविष्य में इस तरह की लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। मामले को लेकर आरटीओ बांदा अनिल सिंह ने जांच कर आख्या डीएम समेत शासन को भेजा है। उन्होंने बताया कि जो जांच में पाया गया है उस आधार पर कार्यवाही के लिए आख्या भेजी गई है।