धोखाधड़ी कर रुपए ऐठने वाले दो शातिर गिरफ्तार

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धोखाधड़ी कर रुपए ऐठने वाले दो शातिर गिरफ्तार

पत्रकारों से रूबरू होती एसपी वृंदा शुक्ला

पत्रकारों से रूबरू होती एसपी वृंदा शुक्ला


:एसपी, एसओजी व साइबर शाखा के नाम पर लोगों से ठगे थे लंबी रकम

संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट

एसपी, एसओजी, साइबर शाखा के नाम पर रुपये ऐंठने वाले दो शातिर सगे भाईयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एक आरोपी के पास से बोलेरो गाड़ी बरामद हुई है।
बुधवार को पुलिस कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुई एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि थाना मऊ में अर्जुन सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह निवासी ग्राम गढ़वा गजरी ने धोखाधड़ी कर एसओजी टीम से पकड़ाने के नाम पर 58 हजार रुपये व किसी महिला की आवाज में बात कराकर एसपी मैम के नाम पर फोन-पे के माध्यम से कई बार में विश्वास दिलाकर 62 हजार रुपये लेने, रुपए मांगने पर जान से मारने की धमकी देने के सम्बन्ध में तहरीर दी थी। जिस पर धीरज सिंह उर्फ धीरू पुत्र जवाहर सिंह निवासी कसहाई रोड गोल तालाब के पास कर्वी व एक महिला नाम पता अज्ञात पंजीकृत कर विवेचना निरीक्षक अपराध अभयराज सिंह ने शुरू किया।

इस दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि वादी की बहन 16 अक्टूबर से घर से लपता हो गयी थी। जिससे वादी बहुत परेशान था। तभी उसकी मुलाकात धीरज उर्फ धीरु से हुई। जिसने कहा कि उसका एसपी चित्रकूट, एसओजी तथा साइबर शाखा से अच्छे सम्बन्ध हैं। वह बहन को अतिशीघ्र बरामद करा देगा। वह व्यक्ति एक महिला की आवाज में फोन पर वार्ता करायी। जिसने एसपी बनकर वार्ता की और कहा कि शीघ्र ही एसओजी टीम व साइबर टीम को लगाकर बहन को बरामद कराती हूं, लेकिन अधिक दिनों तक गुमशुदा की बरामदगी न होने पर जब वादी ने धीरज पर दबाब बनाया तो वह टालमटोल कर पैसा वापस न कर जान से मारने की धमकी देने लगा।

विवेचना से प्रकाश में आया दूसरा आरोपी बबलूू सिंह उर्फ धर्मेन्द्र सिंह पुत्र जवाहर सिंह निवासी लवेद को अशोक चौराहा कस्बा मऊ से बोलेरो गाड़ी के साथ गिरफ्तार किया है। जिसके विरुद्ध थाना मऊ में महेवा घाट जनपद कौशाम्बी निवासी से राष्ट्रीय राज्यमार्ग जोरवारा टोल प्लाजा का ठेका दिलाने के नाम पर कूटरचित साजिश कर 71 लाख रुपये की ठगी की गयी है। इसके अतिरिक्त थाना पहाड़ी में आरोपी के विरुद्ध एक अन्य मामले में जमीन देने के बहाने 15 लाख रुपये की ठगी करने का मुकदमा पंजीकृत है। मुख्य आरोपी धीरज उर्फ धीरु सिंह अपने साथियों के साथ मिलकर नौकरी देने के बहाने कई लोगों से ठगी करने का तथ्य भी प्रकाश में आया है। जिसकी गहनता से जांच की जा रही है।