आध्यात्म ऊर्जा में रखना चाहिए भरोसा: नवलेश

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आध्यात्म ऊर्जा में रखना चाहिए भरोसा: नवलेश

आध्यात्म ऊर्जा में रखना चाहिए भरोसा: नवलेश

वासना से जीव पुत्र बनता है और वासना से ही जीव पिता बनता है।


संवाददाता विवेक मिश्रा 

चित्रकूट। वासना से जीव पुत्र बनता है और वासना से ही जीव पिता बनता है। संसार आसार है। हर मनुष्य को आध्यात्मिक ऊर्जा में भरोसा रखना चाहिए। यह उद्गार मुख्यालय के एसडीएम कालोनी स्थित केशरवानी आवास में चल रही श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन भागवताचार्य नवलेश दीक्षित ने व्यक्त किए। श्रीमद भागवत कथा के शुभारंभ अवसर पर हाथी, घोडे गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा में महिलाएं सिर में कलश लेकर हरे कृष्ण के गीत गाते हुए निकली। उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की निर्झर, निर्मल बहती हुई गंगा है। श्रीमद भागवत महात्म्य के प्रथम स्कंद में सच्चिदानंद भगवान को प्रणाम किया। दूसरे श्लोक में शुकदेव भगवान को प्रणाम किया। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य को पुष्ट किया। उन्होंने बताया कि हर मनुष्य को आध्यात्म से जुडना चाहिए। बिना आध्यात्म के जीवन निरर्थक है। कहा कि भागवत सुनने मात्र से जीव का कल्याण होता है। इस मौके पर सैकड़ों श्रोतागणों ने कथा रसपान किया।