कलाकारों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर किया मजबूर
रामायण मेला में संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार
संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट
राष्ट्रीय रामायण मेला के चतुर्थ दिवस रघुवीर यादव मऊरानीपुर के दर्शन के लाने तरसत हति नजरिया, मैया खोल दो द्वार की किवरिया और तनक ढका के लानै इतनी कर दै काए सला रघुनंदन लला की प्रस्तुतियांें ने दर्शको को झूमने पर मजबूर कर दिया। रामाधीन आर्या मऊरानीपुर ने वंदन अभिनंदन बारंबार, नमन कर इस चित्रकूट की धरती को प्रसतुत कर श्रोताओं को भावविभोर किया। इसी श्रंखला में सुप्रसिद्ध भजन गायक अजय मिश्र मुम्बई की टीम ने भजनों की झड़ी लगा दी। हजारों श्रोताओं की तालियां बटोरी।
प्रयागराज की सुजाता केशरी के लोकनृत्य ने दर्शकों का मन मोहा। देर रात तक लखनऊ से आई भजन एवं लोक गीत गायिका तृप्ति शाक्या ने लोकगीत एवं मनोहारी भजनों को गाकर धर्मनगरी को राममय कर दिया।
ख्यातिलब्ध कथक केन्द्र नई दिल्ली की डा. समीक्षा शर्मा के कथक नृत्य ने दर्शको को बांधे रखा। पांडाल में मौजूद हजारो दर्शक टकटकी लगाए नृत्य का आनंद लेते रहे। रासलीला और रामलीला का मंचन देखने को दश्रक दीर्घा में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन डा. घनश्याम अवस्थी ने किया।