शिव तांडव, राई, घूमर, चगेंलिया लोकनृत्य ने मचाई धूम

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शिव तांडव, राई, घूमर, चगेंलिया लोकनृत्य ने मचाई धूम

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नृत्य प्रस्तुत करती छात्राये


शरदोत्सव के दूसरे दिन दिखी संस्कृति और आंचलिकता की छाप

संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट

शरदोत्सव के दूसरे दिन शिव तांडव, हनुमान चालीसा एवं महिषासुर मर्दिनी नृत्य नाटिका के साथ प्रसिद्ध लोकनृत्य राई, घूमर, चगेंलिया, गरबा ने सुरेन्द्रपॉल ग्रामोदय विद्यालय के विवेकानंद सभागार में मौजूद दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ सन्तोषी अखाड़ा के महंत रामजी दास महाराज, जिला संघचालक सतना रामबेटा कुशवाहा, अखिल भारतीय समाजसेवा संस्थान के गोपाल भाई, राष्ट्रीय रामायण मेला के राजाबाबू पांडेय, समाजसेवी राजेन्द्र त्रिपाठी, शानू गुप्ता, डीआरआई के कोषाध्यक्ष वसंत पण्डित ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

लोकनृत्य के कलाकारों ने भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं को एकसूत्र में बांधने और देश की एकता में लोकनाट्यों की गंभीर भूमिका, पौराणिक आस्थाओं को केन्द्र में रखकर प्रस्तुतियां दी गई। राजस्थान के परंपरागत लोकनृत्य घूमर से शुरुआत हुई। जिसे कृष्णा देवी वनवासी बालिका विद्यालय की छात्राओं ने प्रस्तुत किया। इसके बाद अखिल भारतीय समाजसेवा संस्थान के तत्वावधान में बुंदेलखंड का मशहूर लोकनृत्य राई का प्रदर्शन हुआ। पारंपरिक पोशाक पहने हुए महिला कलाकारों ने तबला, हारमोनियम, नगड़िया, मंजीरा, रामतूला, और लोकगीतों की थाप पर थिरकना शुरू किया तो सभागार में मौजूद दर्शक एकटक देखते रह गए।

सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के छात्रों ने महिषासुर मर्दिनी नृत्य नाटिका और पिरामिड का आकर्षक प्रदर्शन किया। सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा गुजरात के प्रसिद्ध लोकनृत्य गरबा की प्रस्तुति हुई। जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने योग पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया। ग्रामोदय विश्वविद्यालय ने चंगेलिया नृत्य दिखाया। अंत में प्रवीण त्रिपाठी एवं शोभित करवरिया की टीम ने शिव तांडव और हनुमान चालीसा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया।