हाथरस घटना में प्रशासन का नहीं कोई दोष: जगदगुरु
पत्रकारों से वार्ता करते जगद्गुरु दिव्यांग विश्वविद्यालय के गुरु जी
संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट
हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में एक सैकड़ा से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस मामले में जगद्गुरु पदमविभूषण स्वामी रामभद्राचार्य ने भोले बाबा हरिनारायण पर बयान देते हुए कहा है कि वह स्वयं को हरिनारायण बनाना चाह रहा था।
सत्संग में सूट बूट पहनकर प्रवचन देना तो ऐसी कोई परंपरा नहीं है। अगर यह साकार नारायण है तो उसके सत्संग में इतने लोग मरे कैसे। भोली भाली जनता को बहकाकर चौपट करवा दिया। प्रशासन का कोई दोष नहीं। इसके लिए प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई। इसमें सरकार को और प्रशासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। हम तो इसे जानते भी नहीं। सत्संग की एक मर्यादा होती है। व्यवस्था होती है। सत्संग में सूट बूट नहीं पहनना पड़ता।
सत्संग के लिए सरकार और प्रशासन से अनुमति लेनी चाहिए। उसने प्रशासन को कोई सूचना नहीं दिया और एक लाख की भीड़ जुटा ली। भोली भाली बेचारी जनता को आचार्य कह रहा था नालायक। मैं तो कहता हूं इसको तुरंत अरेस्ट करें और आजीवन कारावास देना चाहिए। यह असत्य फैलाकर लोगों की भीड़ जुटाते हैं। सत्य में दो अक्षर है और असत्य में तीन अक्षर है। जनता की मूर्खता थी जो इतनी संख्या में वहां पहुंच गए और सरकार को बदनाम कर रहे हैं। जो स्वयं भगवान था उस भगवान के सामने इतने लोग कैसे मर गए। क्या जनता उससे पूछ नहीं सकती। पूछे उसके घर बहादुरपुर जाकर। कहा कि वह जगतगुरु हैं। उनकी एक मर्यादा है। वह जो कहेंगे आधिकारिक कहेंगे।