युवक के अपहरण मामले में डकैत खरदूषण को सात वर्ष की सजा

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युवक के अपहरण मामले में डकैत खरदूषण को सात वर्ष की सजा

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विशेष न्यायाधीश ने सुनाई सजा 

संवाददाता विवेक मिश्रा  
चित्रकूट 

युवक के अपहरण के मामले में अपर सत्र विशेष न्यायाधीश ने डकैत खरदूषण को सात वर्ष की सजा सुनाई है। न्यायलय का फैसला आने के बाद आरोपी डकैत को जिला कारागार रागौली भेज दिया गया है।
एड़ीजीसी (फ़ौजदारी )सुशील सिंह ने बताया की रैपुरा थाने में छोटा पाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी की 31अगस्त 2016 को रात लगभग 12बजे वह घर पर so रहा था। तभी दो बदमाश बंदूके लेकर आये और धमकाते हुए दरवाजा खुलवाया जिस पर जिस पर उसके चचेरे भाई भईया लाल ने आवाज सुन दरवाजा खोल दिया और उसे गांव के राजकरण कोल का घर बताने की बात कह साथ लिवा ले गए थे।

पीड़ित की सूचना  पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जाँच कर लिया था। डकैत खरदूषण उर्फ भाइयन को मठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था।

न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव ने दोनों पक्षो के अधिवक्ताओ की दलिलो को सुनने के बाद आरोपी डकैत को सात वर्ष की सजा सुनाई है। न्यायलय का फैसला आते ही आरोपी को जिला कारागार भेज दिया गया।

दहेज हत्या के मामले में पति को न्यायलय ने सुनाई छह वर्ष की सजा 

दहेज हत्या के मामले में न्यायाधीश ने पाती को दोषी मानते हुए छह वर्ष के कारावास 12हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन अधिकारी गोपालदास ने बताया की राजापुर थाना क्षेत्र के खोपा गांव निवासी चंद्रभान सिंह ने 21अप्रैल 2011 में थाना मऊ में शिकायती पत्र देकर रिपोर्ट दर्ज करी थी की उसकी भतीजी गुंजा पुत्री दिनेश सिंह की शादी टिकुरा मऊ निवासी संतोष उर्फ गुड्डू के साथ लगभग दस वर्ष पूर्व हिन्दू रितरीवाज के साथ की थी शादी के बाद से ससुरालीजन गुंजा को दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे और कहते की एक लाख रूपये वा मोटरसाईकिल दिलाओ नहीं जान से मार देंगे तरह तरह की प्रताड़ना देते थे।गुंजा ने कई बार घर में ससुरालीजनो की दहेज प्रताड़ना की शिकायत बताई 20अप्रैल 2011को गुंजा ने जहरीला पदार्थ कहा लिया जिससे उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने तहरीर के आधार पर पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न आत्महत्या के लिए उकसाने के प्रयास का मुकदमा दर्ज न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल किया था। सोमवार को न्यायाधीश संजय कुमार ने दोनों पक्षो के अधिवक्तो की दलिलो को सुनने वे बाद आरोपी संतोष उर्फ गुड्डू को छह वर्ष के कारावास व 12हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है।