नाबालिग से दुष्कर्म व गर्भपात कराने के दोषी को 12 साल कैद की सजा

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नाबालिग से दुष्कर्म व गर्भपात कराने के दोषी को 12 साल कैद की सजा

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संवाददाता विवेक मिश्रा 
चित्रकूट

नाबालिग से घर में घुसकर दुष्कर्म करने व गर्भवती होने के बाद धमकाने के मामले के दोषी को अदालत ने 12 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 14 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

गुरुवार को विशेष लोक अभियोजक तेज प्रताप सिंह ने बताया कि 19 सितंबर 2018 को एक व्यक्ति ने मारकुंडी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार उसकी तीन बेटियों में से दो बेटियों की शादी हो चुकी थी और सबसे छोटी बेटी घर में रहती है। 28 अप्रैल 2018 को मारकुंडी थाने के डोडामाफी गांव का निवासी बुल्ली उर्फ ओमदत्त यादव ने उसकी छोटी बेटी को घर में घुसकर बहला फुसलाकर दुष्कर्म किया। जिससे उसकी बेटी के पेट में गर्भ ठहर गया।

दुष्कर्म के बाद आरोपी बुल्ली लगातार उसकी बेटी को धमकाता रहा। इस दौरान वह अपनी पत्नी को लेकर ससुराल चला गया। यहां उसकी छोटी बेटी घर पर अकेली थी। जिसके साथ दुष्कर्म के बाद आरोपी ने गर्भपात करने के लिए उसे दवा दी। दवा के असर से उसकी बेटी की हालत खराब हो गयी और वह अपने होशहवास खो बैठी। इलाज के बाद सही होने पर उसने अपनी मां को पूरी घटना की जानकारी दी। इस पर जब उन्होंने आरोपी को उलाहना दिया तो उन्हें थाने में रिपोर्ट लिखाने पर परिवार समेत खत्म करने की धमकी दी गयी। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया। साथ ही पीड़िता के बयान दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।

बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीले सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश रेनू मिश्रा ने बुल्ली उर्फ ओमदत्त यादव के कृत्य को न्यायालय ने घृणित व सामाजिक व्यवस्थाओं के विपरीत करार दिया। दोषी को 12 वर्ष कठोर कारावास व 14 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।