ट्रेन की चपेट में आने से नर तेदुआ की मौत

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ट्रेन की चपेट में आने से नर तेदुआ की मौत

ट्रेन की चपेट में आने से नर तेदुआ की मौत

मुंबई हावड़ा रेल मार्ग के इटवा डुडैला के पास रेल लाइन


संवाददाता विवेक मिश्रा 

चित्रकूट

मुंबई हावड़ा रेल मार्ग के इटवा डुडैला के पास रेल लाइन पर ट्रेन की चपेट में आने से तेंदुए की मौत हो गई। टाइगर रिजर्व क्षेत्र रानीपुर घोषित होने के बाद पहली घटना हुई। इसके पूर्व भी ट्रेन की चपेट में आने से कई बाघ व अन्य वन्य जीव प्राणियों की जान जा चुकी है। वन विभाग के अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के लिए तेंदुए के शव को भेजा है।

रानीपुर टाइगर रिजर्व क्षेत्र के एक नर तेंदुआ का शव रविवार की सुबह मानिकपुर क्षेत्र के टिकरिया मझगवां रेल लाइन के बीच इटवां डुडैला रेलवे स्टेशन के आउटर पर गेटमैन ने एक तेंदुआ मृत पड़ा देखा। इसकी सूचना मानिकपुर रेलवे स्टेशन पर दी गई। इसके बाद मारकुंडी वन क्षेत्र के रेंजर ने इसकी जानकारी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को दी। सूचना पर रविवार की तडके मौके पर पहुंचे डिप्टी डायरेक्टर पीके त्रिपाठी ने बताया कि ट्रेन की चपेट मेें आने से तेदुए के मौत की संभावना है। उसके शरीर में कई जगह चोट है। इसका वजन लगभग 62 किग्रा है। उम्र लगभग सात साल है। पोस्टमार्टम के लिए शव पशु चिकित्सा विभाग के जिला मुख्यालय कार्यालय भेजा गया है। करंट लगने से मौत होने की संभावना पर कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से स्पष्ट होगा। पशु चिकित्सा अधिकारी डा. सीएस पाल ने बताया कि तीन डाक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया है। इसके बाद उसके शव को देवांगना स्थित जंगल में वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में जलाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेंदुए के शरीर में कई चोट के निशान हैं। ऐसे में पूरी संभावना है कि ट्रेन से ही टकराने पर उसकी मौत हुई है।

वन्य क्षेत्र में हार्न बजाकर धीमी गति से रेल चलाने को लिखा पत्र

चित्रकूट

रानीपुर टाइगर रिजर्व व पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अक्सर तेंदुआ व बाघ समेत अन्य वन्य जीव प्राणियों का रेल लाइन की ओर मूवमेंट होता है। इसे लेकर कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कई वन्यजीव प्राणी ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में इनकी सुरक्षा के लिए चित्रकूट व सतना मप्र के वन विभाग के अधिकारी कई बार रेलवे स्टेशन व रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर इस क्षेत्र में रात को हार्न बजाकर धीमी गति से ट्रेन गुजारने का पत्र लिख चुके हैं। रानीपुर टाइगर रिजर्व के उप निदेशक पीके त्रिपाठी ने बताया कि रेलवे स्टेशन अधीक्षक टिकरिया, मारकुंडी, मानिकपुर, कटैया डांडी, पनहाई व बरगढ़ को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि इस वन क्षेत्र में रात को खासकर वन्य प्राणियों के मूवमेंट रेल पटरी की ओर भी रहते हैं। ऐसे में रात को हार्न बजाकर धीमी गति से ट्रेन इस क्षेत्र में निकाली जाए तो बेहतर रहेगा। कुछ ऐसा ही सतना मप्र के वन विभाग के अधिकारी अपने वन क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के अधीक्षकों समेत रेल मंत्रालय को  पत्र लिखकर कॉशन पर ट्रेन गुजारने की मांग की है। जिससे वन्य प्राणियों को बचाया जा सके।