श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं सुन श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट। प्रभु श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में भागवत कथा के पांचवे दिन वृंदावन के भागवत कथा व्यास पं. रमेशचन्द्र शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की कथा रसपान कराकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रविवार को कामदगिरि प्रमुख मुखारबिन्द में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास पं. रमेशचन्द्र शास्त्री ने श्रीकृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया कि जन्न के उत्सव के दौरान राक्षसी पूूतना दासी का वेश धारण कर वहां पहुंच गई। भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए पालने से उठा लिया और जहरयुक्त स्तनपान कराने लगी, किन्तुु श्रीकृष्ण ने ऐसा स्तनपान किया कि उसके प्राण पखेरू उड़़ गए। इसी प्रकार ममाा कंस के कहने पर कई राक्षस प्रभु श्रीकृष्ण को मारने के लिए आए, किन्तु श्रीकृष्ण ने सभी का वध कर उद्धार किया। कालिया नाग कका मर्दन कर यमुना नदी को जहर मुक्त कराया। कथा व्यास ने बताया कि इन्द्र के मय को समाप्त करने के लिए गोवर्द्धन पर्वत की पूजा कराई। जिससे नाराज होकर इन्द्र ने भारी वर्षा कराना शुरू कर ििदया। जिससे ब्रज मं हाहाकार मच गया। जिन्हे बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने अंगुली में गोवर्द्धन पर्वत को धारण कर इन्द्र का घमंड तोड़ा। इस मौके पर मुख्य यजमान हमीरपुर जिले के शरीला के चेयरमैन पवन कुमार सपत्नीक माौजूद रहे। संगीतमय कथा में सुभाष, संजय, अजय व आचार्य प्यारेलाल दीक्षित का अहम योगदान रहा। कथा के दौरान सेवानिवृत्त ईओ गंगा प्रसाद समेत श्रोतागण मौजूद रहे।