छोटी गलतियां माफ करना सीखें: राज्यपाल

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छोटी गलतियां माफ करना सीखें: राज्यपाल

जिला जेल का निरिक्षण करती महामहिम

जिला जेल का निरिक्षण करती महामहिम राज्यपाल


:जिला कारागार में महिला बंदियों से वार्ता कर दी नसीहत
:महाविद्यालय की छात्राओं को दी सीख, किसी भी परिस्थिति में गलत कार्य से बचें
:राजभवन से आए गीजर, शाल, किताबे, डिजिटल बोर्ड, गिफ्ट बांटे
:योगा, मटका दौड़, रस्साकशी आदि खेल में हिस्सा दिलाने को दिया सुझाव

संवाददाता विवेक मिश्रा 
चित्रकूट

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को जिला कारागार में महिला बन्दियों व बच्चों से वार्तालाप किया। उन्होंने राजभवन से आए गीजर, शाल, किताबें, डिजिटल बोर्ड, गिफ्ट बांटे। महिला बन्दियों से सुविधाओं के बारे में जानकारी की। जिस पर महिलाओं ने बताया कि अगरबत्ती बनाने व सिलाई, बुनाई का कार्य सिखाया जाता है।
राजकीय गोस्वामी तुलसीदास महाविद्यालय से आई छात्राओं से भी वार्ता किया। छात्राओ ने बताया कि बंदी महिलाओं से मिलने के बाद पता चला कि कोई गलत कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे जेल आना पड़े। दूसरी छात्रा ने बताया कि राज्य सरकार की शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाएं मिल रही है। छात्राओं ने बताया कि यहां से जाने के बाद महिलाओं को अनुभव बताकर शिक्षित करेंगी। प्राचार्य ने कहा कि वह छात्राओं को बताएंगें कि स्वभाव को अच्छा रखें। ऐसी परिस्थिति न आए कि गलत कार्य करना पड़े।

राज्यपाल ने छात्राओं को सुझाव दिया कि यह उम्र सीखने की है। कहां कि जो घटनाएं होती है वह मायके में नहीं ससुराल में होती है। ससुराल में क्यों होती है इसको सीखना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रोजेक्ट लेकर विकसित करना चाहिए जो समाज के लिए अच्छा कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी लोग चाहते हैं कि परिवार खुशी रहे। बेटी खुशी रहे तो खुशी रहने के लिए क्या करना चाहिए यह सब छात्राएं सीखें। उन्होंने कहा कि जेल का मतलब मारामारी होता है। इस पर निबंध लिखे कि क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर जिले में हॉस्पिटल बनेगा तभी जीवनशैली बदलेगी और सुधार हो सकता है।

राज्यपाल ने अंडर ट्रायल बन्दियों व बच्चों के बारे में जानकारी की। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इनका मैटर कोर्ट में चल रहा है। राज्यपाल ने महिला बंदिओ से कहा कि अब दायित्व बनता है फिर से ऐसा कोई कार्य न करें। जिससे जेल में आना पड़े।  महिला बंदी कैदियों से वार्तालाप में पूछा की पुत्रवधू कितने के घर में हैं। कहां कि अच्छा व्यवहार होना चाहिए। छोटी गलतियों को माफ करना सीखें। कहां कि समाज में करोड़पति व गरीब के भी घर होते है लेकिन स्थिति यह नहीं होनी चाहिए कि बड़ा विवाद न हो। उन्होंने कहा कि पति, सास जब परेशान करे तो थाना पर पहुंचकर कंप्लेन कराएं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के इस पवित्र भूमि में चाहते हैं कि ऐसी घटनाएं न हो।

उन्होंने सभी महिला बन्दियों से कहा कि यदि गांव में बाल विवाह होता है तो बाल विवाह रुकवाने के लिए पुलिस को सूचना दे। कहा कि समितियां आगे जाकर कार्य कर सकती है। विकसित भारत में सक्रिय कार्य महिलाएं कर रही हैं। कहा कि डीएम, आयुक्त, एसपी से कोई भी समस्या है तो बताएं। कायदे कानून के साथ कार्य करें। समिति का एक कार्ड भी बना कर दें। उन्होंने कहा कि दहेज लेना पाप है। उन्होंने कहा कि योगा व मटका दौड़, रस्साकशी आदि महिलाओं से कराएं।