बिजली की अधाधुंध कटौती से पेयजल संकट गहराया
बिजली की समस्या से गहराया पेयजल संकट पीने के पानी के लिये टैंकर मे लाइन लगाए कस्बे के लोग
संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट
राजापुर कस्बा सहित ग्रामीण अंचलों में अधाधुंध बिजली कटौती के चलते पेयजल समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। पानी के लिए लोग दर दर भटक रहे हैं। सुबह होते ही हैण्डपम्पों में भारी भीड़ जमा हो जाती है। नगर पंचायत द्वारा टैंकरों से वार्डों में पानी की सप्लाई की जाती है जो ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है।
राजापुर कस्बे में अधाधुंध विद्युत कटौती के चलते जल संस्थान समय पर पेयजल सप्लाई नहीं कर पा रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष संजीव मिश्रा ने कहा कि सरकार द्वारा 22 घण्टे विद्युत सप्लाई करने के कड़े निर्देश हैं लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के मनमानी रवैया से कस्बे में लगभग 10 घण्टे ही विद्युत सप्लाई दी जा रही है। उसमें भी लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। जिसकी शिकायत कई बार जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन से की जा चुकी है, लेकिन विद्युत विभाग पर कोई असर नहीं पड़ा। नगर पंचायत के टैंकरों के माध्यम से हर रोज दो वार्डो में पानी की सप्लाई की जाती है लेकिन ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत चरितार्थ होती है। राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के नगर अध्यक्ष सभासद शंकरदयाल जायसवाल का कहना है कि विद्युत कटौती के कारण लोग एक एक बूँद पानी के लिए इधर उधर हैण्डपम्पों के चक्कर काट रहे हैं।
यमुना नदी के किनारे हनुमान गंज, रुपौलिहन टोला, केवटरहा, तुलसी नगर, कृष्णा नगर, कारखाना, गयागंज, धोबीगंज, माधवगंज के लोग यमुना नदी के प्रदूषित पानी को पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं। भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पूर्व क्षेत्रीय मंत्री राकेश नामदेव का कहना है कि विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता, सहायक अधिशासी अभियंता के स्थानांतरण के बाद विद्युत की घोर समस्या उत्पन्न हो गई है। जिससे पेयजल संकट गहरा गया है। इस सन्दर्भ में मऊ मानिकपुर विधायक को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया है। जब उपभोक्ताओं को विद्युत के उपयोग का समय होता है तब शाम होते ही कई घण्टे लगातार विद्युत कटौती कर दी जाती है। उपभोक्ताओं के पूंछने पर 33 हजार का फाल्ट बताकर गुमराह कर देते हैं। कस्बावासियों का कहना है कि यदि विद्युत कटौती में सुधार नहीं किया गया तो विद्युत उपखण्ड राजापुर कार्यालय का घेराव करते हुए आन्दोलन को विवश होंगें।