दहेज हत्या में पति और सास को सात वर्ष की सजा

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दहेज हत्या में पति और सास को सात वर्ष की सजा

दहेज हत्या में पति और सास को सात वर्ष की सजा

दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर त्वरित न्यायालय ने मृतका के पति और सास


संवाददाता विवेक मिश्रा 

चित्रकूट। दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर त्वरित न्यायालय ने मृतका के पति और सास को सात-सात वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों को 15-15 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपाल दास ने बताया कि वादी बद्री प्रसाद ने राजापुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि पुत्री गीता की शादी घटना से लगभग 15 साल पहले राजापुर क्षेत्र सोतीपुरवा निवासी कुशल पुत्र रामकुमार के साथ की थी। 27 अगस्त 2016 को लगभग आठ बजे गीता से कुशल ने लडाई झगडा किया और मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दिया। इस दौरान गीता के बेटे सत्यम ने फोन कर उन्हें घटना की जानकारी दी। ससुरालीजन उसे लेकर राजापुर अस्पताल गए। जहां प्राथमिक इलाज के बाद परिजनों ने गीता को रेफर कर दिया। अस्पताल पहुंचने पर गीता ने उसे सारी जानकारी दी और बताया कि पति और सास ने मिट्टी का तेल डालकर आग से जलाने के बाद बाहर से दरवाजे की कुण्डी बंद कर दी थी। इलाज के दौरान रात्रि में गीता की मौत हो गयी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद त्वरित न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार ने निर्णय सुनाया। जिसमें धारा 498 ए व 306 भादसं के तहत दोष सिद्ध होने पर मृतका के पति कुशल और सास राजाबेटी को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही आरोपी मां-बेटे को 15-15 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है। अर्थदण्ड की धनराशि में से 50 फीसदी मृतका गीता देवी के बच्चों के हितार्थ प्रदान करने के आदेश दिए गए हैं।