उपाय व परहेज ही एचआईवी का उपचार: राजपूत

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उपाय व परहेज ही एचआईवी का उपचार: राजपूत

एड्स के बारे मे जागरूक करते चिकित्सक

एड्स के बारे मे जागरूक करते चिकित्सक


संवाददाता विवेक मिश्रा 
चित्रकूट

जानकीकुंड चिकित्सालय में विश्व एड्स दिवस मनाया गया। इस साल वर्ल्ड ऐड्स डे की थीम लेट कम्युनिटीज लीड है। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि एड्स से प्रभावित लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी आवाज उठाने में सक्षम बने। इस बीमारी को रोकने के लिए समाज की अहम भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इस थीम को चुना गया है। इस अवसर पर चिकित्सालय परिसर में कार्यक्रम हुआ। नर्सिंग स्टाफ ने एचआईवी एड्स से संबंधित जानकारी प्रदान करने के लिए नुक्कड़ नाटक किया।

प्रशासक डा. एबीएस राजपूत ने बताया कि यह ह्यूमन डिफिशिएंसी वायरस से होता है। जिसे आम भाषा में एचआईवी कहते हैं। उन्होंने बताया कि यह एचआईवी वायरस चार कारणों से फैलता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने, हाथ मिलाने, स्पर्श, साथ खाने और मच्छर के काटने से यह वायरस नहीं फैलता है।

एचआईवी का वायरस खुले वातावरण के संपर्क में आते ही निष्क्रिय हो जाते हैं, लेकिन जैसे ही यह किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं तब रक्त के संपर्क में आते ही बहुत तेजी से क्रियाशील होते हैं। फिर इसको खत्म करना मुश्किल हो जाता है। इस रोग का कोई वैक्सीन भी चिकित्सा के क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है। सिर्फ परामर्शदाता के बताए गए उपाय एवं परहेज से ही वायरस से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी को छिपाए नहीं। संभावना होने पर बढ़कर इसकी जांच जरूर कराए।