गंगा दशहरा पर यज्ञ हवन कर मनाई गायत्री जयंती

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गंगा दशहरा पर यज्ञ हवन कर मनाई गायत्री जयंती

हवन करते गायत्री परिजन

हवन करते गायत्री परिजन


संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट

गायत्री शक्तिपीठ मे गायत्री जयंती का पावन पर्व धूमधाम से मनाया गया। प्रातः पांच बजे से सामूहिक गायत्री जप साधना सामूहिक योग साधना और आठ बजे से गायत्री यज्ञ पूजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। गुरुदेव का पर्व सन्देश गायत्री शक्तिपीठ के व्यबस्थापक डॉ रामनारायण त्रिपाठी ने दिया। उन्होंने कहा कि गंगा गायत्री दोनों के अवतरण का दिन है। सगर पुत्रो को अभिशाप से मुक्त कराने उनके कुल के तपस्वी भगीरथ गंगा को धरती पर लाये जो उनके कुल के उद्धार के साथ आज पाप संताप से दुखी लोगो का उद्धार कर रही हैँ। उनके सम्मान मे गंगा दशहरा का पर्व गंगा स्नान कर मनाते आ रहें हैँ।

मानस पापों के उद्धार के लिए गायत्री ज्ञान गंगा के अवतरण का दिन भी यही है। ब्रह्मा जी को गायत्री महामंत्र का साक्षात्कार हुआ। तप कर नयी सृष्टि बनायीं। विश्वामित्र ने गायत्री का कठोर तप कर नयी सृष्टि बनाने की शक्ति पाई थी। इन्हीं गायत्री महाप्रज्ञा को तप कर युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने ज्ञान गंगा के रूप मे धरती पर अवतरित किया। जिससे आज के भौतिकवादी, प्रत्यक्षवादी, देहाभिमानी सगर पुत्रो का उद्धार हों सकें। आज व्यक्ति साधनों से परिपूर्ण होकर निराश है। इसके लिए विराट गायत्री परिवार का संगठन खड़ा किया। आज के दिन आचार्य जी अपने स्थूल देह से प्रयाण किया था।

पर्व मे सम्मिलित होने बाँदा, सतना, चित्रकूट, राजस्थान, जयपुर, कानपुर, रीवा आदि स्थानों से लोग आए। सुधा तिवारी ने यज्ञ कार्यक्रम सम्पन्न कराया। इस मौके पर गिरधर शांतिकुंज गायक देवदत्त शुक्ल, सुधीर ने संगीत व अन्य व्यबस्थाएं की। इस दौरान कमलेश त्रिपाठी, कृष्णा गुप्ता, जगन्नाथ यादव, जगमोहन यादव आदि उपस्थित रहें।