दीपावली मेले में चार चांद लगाएंगें लोक कलाएं: डीएम

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दीपावली मेले में चार चांद लगाएंगें लोक कलाएं: डीएम

दीपोत्सव पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा रामघाट को कुछ इस तरह सजाया गया

दीपोत्सव पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा रामघाट को कुछ इस तरह सजाया गया


भव्य और दिव्य महोत्सव मनाने की तैयारियां जोरशोर से कर रहा चित्रकूटधााम तीर्थ विकास परिषद

संवाददाता विवेक मिश्रा 
चित्रकूट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार इस बार भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में भव्य और दिव्य दीपावली महोत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद ने तैयारी जोरशोर से शुरू कर दी है। सभी मुख्य चौराहों और प्रमुख धार्मिक स्थलों को विद्युत की आकर्षक झालरों, रंगबिरंगे कपड़ों से तोरण द्वार बनाकर सजाया जा रहा है। बेड़ी पुलिया से लेकर रामघाट तक विशेष सजावट की जाएगी। रामघाट को ऐतिहासिक आकर्षण देने के लिए सजावट का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। दीपावली महोत्सव के दौरान तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।
मंगलवार को परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डीएम अभिषेक आनंद ने बताया कि तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बुंदेलखंड में विलुप्त हो रही लोक कलाओं के संवर्धन एवं संरक्षण के उद्देश्य विशेष तरजीह यहां के स्थानीय लोक कलाकारों को दी जाएगी।

दीपावली महोत्सव के विशेष कार्याधिकारी अपर उप जिलाधिकारी पंकज वर्मा ने बताया कि चित्रकूट उत्सव के अंतर्गत 9, 10, 11 नवंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां रामायण मेला के मंच पर होंगी। बताया कि 9 नवंबर को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना, लोकगीत के बाद कैलाश प्रिदूषा एवं साथी दिल्ली की टीम भजन, नृत्य प्रस्तुतियां होंगी। 10 नवंबर को जबलपुर की प्रसिद्ध आल्हा गायिका संजू बघेल की टीम आल्हा एवं राम भजन प्रस्तुत करेगी। मथुरा की वंदना नृत्य नाटिका एवं संगीत की शानदार प्रस्तुति देंगी।

11 नवंबर को झांसी के प्रसिद्ध भजन गायक चंद्रभूषण पाठक की प्रस्तुतियों से भजन संध्या सजाया जाएगी। बताया कि अमावस्या मेला पांच दिवसीय चलेगा। दीपावली चित्रकूट मेला विश्व विख्यात है। इस मेले में देश-विदेश से लगभग 50 लाख की भीड़ श्रद्धालुओं के रूप में चित्रकूट आती है और यहां  रामघाट में आस्था की डुबकी लगाने के बाद मंदाकिनी और कामदगिरि में दीपदान कर कामदगिरि पर्वत की पंच कोसीय परिक्रमा लगाते है। श्रद्धालुओं का पांच दिनों तक यहां ठहराव होता है। बताया कि लखनऊ के श्रीनारायण कठपुतली नृत्य, बांदा के आरसी योगा जादू और रायबरेली की शीलू आल्हा का जलवा बिखेरेंगें। बांदा के प्रसिद्ध दीवारी नृत्य पार्टी रमेश पाल की टीम की शानदार प्रस्तुति होगी। महोबा की प्रतीक्षा दीक्षा जहां आल्हा की प्रस्तुति देंगी वहीं मऊरानीपुर के रघुवीर राई नृत्य प्रस्तुत करेंगे।

बांदा के रामस्वरूप राही भजन गायकी और मानिकपुर की कोल आदिवासी बूटी देवी का कोल्हाई नृत्य प्रस्तुत होगा। स्वामी जी भरखरी गद्दी की भजन और कबीरपंथी भी मंच में सुनने और देखने को मिलेगा। वहीं पर झांसी के द्वारिका यादव अपना अलगोजा का वादन प्रस्तुत करेंगे। जबकि छोटेलाल प्रजापति कुम्हराई की प्रस्तुति देंगें। इसी प्रकार अन्य क्षेत्रों के प्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से चार चांद लगाएंगें। डीएम ने आस्थावानों से रामायण मेला प्रेक्षागृह में आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक लोक कलाओं का आनंद लेने के लिए पहुंचने की अपील की है।