किसानों को जैविक और तरल खाद के प्रयोग को किया प्रेरित
कृषि विज्ञान केंद्र गनीवा में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक मे सम्बोधित करते डीएम
संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट
दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र गनीवा में वैज्ञानिक सलाहकार समिति का आयोजन हुआ। प्रतिवर्ष कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित होने वाली 31वी बैठक है। इस दौरान कृषि विज्ञानं केंद्र के द्वारा किये जाने वाले तकनीकी कार्य के लिए समिति के सदस्यों के साथ साझा कर सुझाओ के साथ जिले की नवीन कार्य योजना तैयार की गई। विभाग प्रमुखों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
कार्यक्रम में मंडलायुक्त बाँदा बालकृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र को जैविक खेती करने और किसानो को तरल खाद के उपयोग के लिए प्रेरित करने को कहा। पशुपालन विभाग से प्राप्त सुझाव को समाधान करते हुये कहा कि गौशालाओं में उपलब्ध गोबर को वर्मी कम्पोस्ट बनाए।
डीएम शिवशरणप्पा जीएन ने जिले में गठित कृषक उत्पादन संगठन के विकास एवं क्षमतावर्धन के लिए नाबार्ड के प्रतिनिधि को निर्देशित किया। साथ ही जिले में उपलब्ध वनोपज महुवा को प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन के कार्य किये जाने के सुझाव दिए। सीडीओ अमृतपाल कौर ने कहा कि जिले में धान के बढ़ाते हुए क्षेत्रफल को घटाने की योजना बनाने की आवश्यकता है। साथ ही खेत तलाब योजना से बने तालाबो के हितग्राहीयो को मछली पालन, मोती पालन के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए। महत्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. भरत मिश्रा ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के सुदूर क्षेत्र में स्थापना के लिए अनुसुया आश्रम के महराज भगवानानंद ने नानाजी को प्रेरित करने एवं किसानो के लिए किये कार्य के लिए दूरदृष्टा की संज्ञा दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह कुलपति बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने कहा कि अच्छी किस्मो एवं तकनीकी का उपयोग करना चाहिए। जिससे किसानो को अधिक लाभ प्राप्त होगा। दलहन एवं तिलहन आधरित बीज उत्पादन की अधिक आवश्यकता है। दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने किसानो को संसाधन आधारित खेती करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर सदर एसडीएम सौरभ यादव, एसडीएम राजापुर प्रमोद झा, उप निदेशक कृषि राजकुमार, जिला कृषि अधिकारी रमापति शुक्ल, भूमि संरक्षण अधिकारी तुलसीराम प्रजापति, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सुभाषचन्द्र, जिला उद्यान अधिकारी प्रतिभा पांडेय, सस्य वैज्ञानिक विजय गौतम आदि मौजूद रहे।