आधुनिकता में न भूले पुरातन संस्कृति: एरिक

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आधुनिकता में न भूले पुरातन संस्कृति: एरिक

भरतरत्न नाना जी देखमुख की बनाई जा रही 13वीं पुण्यतिथि 

भरतरत्न नाना जी देखमुख की बनाई जा रही 13वीं पुण्यतिथि 


नाना जी की पुण्यतिथि पर हुआ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

संवाददाता विवेक मिश्रा 

चित्रकूट

भरतरत्न नाना जी देखमुख की बनाई जा रही 13वीं पुण्यतिथि पर अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन दीनदयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ में किया गया। जिसमेें ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यो की चर्चा की गई। कहा गया कि पर्यावरण के अनुकूल ही विकास कार्य किए जाए।

सम्मेलन में समापन नार्वे के पूर्व पर्यावरण एवं अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री एरिक सोलहेन के समापन नार्वे के पूर्व पर्यावरण एवं अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री एरिक सोलहेन ने कहा कि आधुनिकता में अपनी पुरातन संस्कृति और जड़ को न भूलें। पर्यावरण के अनुकूल ही कार्य कराए जाए। इससे गांव में रहने वाले स्वास्थ्य रहेंगे। सम्मेलन में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन, संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि नाना जी देशमुख पर्यावरण को बढ़वा देने के लिए हमेशा कार्य किया है। योग, आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए चित्रकूट में कई कार्य किया है। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि जो भी सुझाव आए हैं उसकी जानकारी के लिए देश के प्रधानमंत्री को पत्र भेजा जाएगा। इस मौके पर दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेंद्रजीत सिंह, महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ, सतना सांसद गणेश सिंह, पूर्व कुलपति प्रो. नरेश चंद गौतम, रानी दुर्गावती विवि के कुलपति कपिलदेव मिश्रा, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि ग्वालियर के कुलपति डॉ अरविंद शुक्ला, ग्रामोदय विवि के कुलपति डॉ भरत मिश्रा, बांदा कृषि विवि के कुलपति डॉ. एनपी सिंह ने भी संबोधित किया।