जीवन-मृत्यु के चक्र में होने वाले कष्ट से मुक्ति दिलाती है भागवत: बलुआ

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जीवन-मृत्यु के चक्र में होने वाले कष्ट से मुक्ति दिलाती है भागवत: बलुआ

कलश

कलश यात्रा निकालते श्रद्धालू


कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ

संवाददाता विवेक मिश्रा 
चित्रकूट

जिला मुख्यालय स्थित एसडीएम कॉलोनी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन कलश यात्रा निकाली गई। कथा व्यास आचार्य बलुआ महाराज ने कथा के महात्म्य के बारे में बताया कि श्रीमदभागवत कथा के स्मरण करने मात्र से सभी पाप नष्ट हो जाते है और अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है।

कथा श्रवण करने के लिए देवता भी तरसते है। मानव को इस कथा का लाभ व आशीर्वाद आसानी से मिल सकता है। जब धुंधकारी प्रेत के निमित्त गोकर्ण महाराज ने भागवत कथा सुनाकर प्रेत योनि से मुक्ति दिलाई। धन्या भागवती वार्ता प्रेत पीड़ा विनासिनी अर्थात मोक्ष के लिए श्रीमद्भागवत वरदान है। उन्होंने बताया की जब भक्ति कथा के माध्यम से हृदय में प्रवेश करती है तो आनंद के हिलोरे स्वतः उठने लग जाती है। जीवन धन्य एवं कृतार्थ हो जाता है।

कथा व्यास बलुआ महाराज ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा कलयुग में मनुष्यों के जीवन और मृत्यु के चक्र में होने वाले कष्ट से मुक्ति प्रदान करने वाली है। मनुष्य के मन की शुद्धि का सर्वोत्तम साधन है। यह कथा सिर्फ उन मनुष्यों को उपलब्ध होती है जिनके जन्म जन्मान्तर के पुण्य उदय होते हैं। इस दौरान मुख्य यजमान रामसूरत पयासी, सावित्री देवी, प्रभाकर द्विवेदी, आशीष द्विवेदी, राधेरमण पयासी, उमेश पयासी, सरयू पांडेय, निरंजन मिश्र, रोहित कुमार मिश्र, देवेंद्र कुमार पांडेय आदि मौजूद रहे।