जप तप वेद शास्त्रों में भारी भागवत कथा: व्यास

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जप तप वेद शास्त्रों में भारी भागवत कथा: व्यास

भागवत कथा का पहले दिन कलश यात्रा निकालते

भागवत कथा का पहले दिन कलश यात्रा निकालते


संवाददाता विवेक मिश्रा 
चित्रकूट

 मुख्यालय से सटे चकमली अमानपुर में शनिवार को गोबरौल निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक अंबिका प्रसाद पांडेय के आवास पर श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ।

प्रथम दिवस वृंदावन से आए कथा वाचक पंडित मुकेश कृष्ण महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा का महत्त्व बताया। उन्होंने कहा कि एक बार ब्रम्हा जी ने तराजू में एक तरफ भागवत कथा को रखा दूसरी तरफ जप तप चार वेद छहों शास्त्रों को रखा लेकिन फिर भी भागवत कथा के पलड़े को उठा नही पाए।

बताया कि जब व्यास जी ने लिखा तब इसका नाम भागवत था लेकिन जब ब्यास जी नारायण के पास क्षीर सागर में आशीर्वाद लेने गए तो उनसे आशीर्वाद लिया लेकिन जब ब्यास जी ने वहां विराजमान माता लक्ष्मी जी से आशीर्वाद मांगा तो माता लक्ष्मी ने कहा कि इसमें कहीं नाम भी नही है तो व्यास जी भागवत के आगे श्री लगा दिया तो इसका नाम श्रीमद् भागवत कथा हो गया। 

कथा के दौरान प्रदीप पांडेय, संदीप पांडेय, प्रभात पांडेय, वीरेंद्र शुक्ला आदि श्रोतागण मौजूद रहे।