भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के मेधावी सम्मानित

संस्कृत ज्ञान परीक्षा मे छात्रों को सम्बोधित करते गायत्री शक्ति पीठ के महंत
संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट
आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी प्रशिक्षण का समापन और भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा पुरुस्कार वितरण कार्यक्रम मे ग्रामोदय विवि के कुलपति मुख्य अतिथि के रूप मे डॉ. भरत मिश्रा ने कहा कि गायत्री परिवार भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए विश्व स्तर पर कार्यक्रम कर रहा है।
प्रशिक्षण में शांतिकुंज प्रतिनिधि डॉ. संगीता सारस्वत, डॉ. अमरनाथ सारस्वत, डॉ. सुधीर श्रीवास्तव, डॉ. सुमित्रा श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण वैज्ञानिक सूत्रों मान्यताओं के आधार पर प्रोजेक्टर के माध्यम परीक्षित प्रयोग प्रमाण के आधार पर समझाया। भारतीय संस्कृति की वैज्ञानिकता पर डॉ. रामनारायण त्रिपाठी ने प्रकाश डाला। कहा कि गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने धरती पर नवयुग की घोषणा की है। जिसे साकार रूप देने के लिए विशाल गायत्री परिवार का स्रजन किया। जिसके द्वारा समाज मे देवत्व लाने के लिए विभिन्न प्रकार का आयोजन होते है। इसी कड़ी में माँ के गर्भ मे ही शिशु को महान पुरुष बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। बताया कि जिस प्रकार गर्भ में ही धु्रव, प्रहलाद, अभिमन्यु आदि महापुरुष सीख गए थे उसी विज्ञान की पुनः स्थापना की जा रही है।
बच्चा के जन्म के बाद विद्यालयों मे शिक्षा का अभाव होता जा रहा है। जिसे बढ़ावा देने ने के लिए पांच से परास्नातक तक संस्कृत और संस्कार की शिक्षा भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा करराई जाती है। परीक्षा में लाखों छात्र सम्मिलित हुए। जिसमें सीआईसी के छात्र सर्वोत्तम प्रथम, शांति देवी विद्या मंदिर पहाड़ी के छात्र शिववरण द्वितीय व हरिमोहन सिंह इंटर कालेज बछरन के छात्र जितेंद्र सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इसी क्रम में जनपद मे प्रथम स्थान में भारद्वाज सरस्वती विद्या मंदिर कर्वी के विकास कुमार पटेल, द्वितीय स्थान पर सलोनी, रामू कुमार, मनीष कुमार, तृतीय स्थान पर पुष्पोद्र कुमार, शैलेन्द्र, सुमित रहे। जिन्हे अतिथियों ने पुरस्कार देकर सम्म्मानित किया है। इस मौके पर रमाशंकर द्विवेदी, सुधा तिवारी, भवानीदीन यादव, घनश्याम सिंह, रामजानकी शुक्ला, शैल अग्रहरि, शिखा, डीआरआई के डॉ. अशोक पांडेय आदि मौजूद रहे।