चला बुल्डोजर, रोए वाशिंदे और दुकानदार, SDM बोले- नजूल की भूमि से हटाया गया है अतिक्रमण

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चला बुल्डोजर, रोए वाशिंदे और दुकानदार, SDM बोले- नजूल की भूमि से हटाया गया है अतिक्रमण

चला बुल्डोजर, रोए वाशिंदे और दुकानदार, SDM बोले- नजूल की भूमि से हटाया गया है अतिक्रमण

जिला मुख्यालय म एक बार फिर जिला प्रशासन व नगर पालिका के माध्यम से अतिक्रमण हटाओ अभियान


संवाददाता विवेक मिश्रा 

चित्रकूट। जिला मुख्यालय म एक बार फिर जिला प्रशासन व नगर पालिका के माध्यम से अतिक्रमण हटाओ अभियान में बुल्डोजर चलाया गया। सोमवार को कोठी तालाब व ट्रैफिक चौराहे के पास तीन बुल्डोजर पहुंचे तो आसपास हलचल बढ गई। गिराने का काम शुरु हुआ तो स्थानीय लोगों ने आपत्ति शुरु की। कई बार अधिकारियों से लोगों की तीखी नोंकझोंक भी हुई।सोमवार को ट्राफिक चौराहे में दुकाने व बने मकानों को जेसीबी मशीनों से गिराने का कार्य किया गया। इसी प्रकार कोठी तालाब को जाने वाले रास्ते के आसपास भी बुल्डोजर से अतिक्रमण ढहाया गया। इस कार्यवाही को लेकर व्यापारियों व स्थानीय निवासियों में नाराजगी भी दिखी। कई लोगों ने कहा कि बिना नियम कायदे और पूर्व लिखित सूचना के दुकाने व मकान गिराए जा रहे हैं। जिस समय दुकानें व घर की दीवारें गिराई जा रही थी। उस दौरान धूल के गुब्बार से इलाका भर गया। कुछ देर के लिए जाम भी लग गया। इससे आवागमन करने वालों को समस्या का सामना करना पड़ा। इसी तरह से रोडवेज बस स्टेंड के पास स्थित कोठी तालाब को जाने वाली रोड़ में अतिक्रमण हटाया गया। जिसमें दुकाने व बने मकानों को जेसीबी मशीनों से हटाया गया। इस दौरान एसडीएम राजबहादुर, नगर पालिका के ईओ लालजी व पुलिस अधिकारियों से कई बार कलावती, महेंद्र कुमार की नोंकझोंक हुई। इन्होनें आरोप लगाया कि प्रशासन बिना नियम कायदे के मकान गिरा रहा हैं। विकल्प के रूप में कहीं रहने के लिए व्यवस्था भी नहीं की गई। उधर एसडीएम ने बताया कि नियमानुसार ही कार्यवाही की जा रही है। सुंदरीकरण व चौडीकरण के लिए सडकों का चौडीकरण करना है। इसके लिए नुजूल की जमीन पर अतिक्रमण हटाया जाएगा।

चला बुल्डोजर, रोए वाशिंदे और दुकानदार, SDM बोले- नजूल की भूमि से हटाया गया है अतिक्रमण

चर्चा का विषय बनी दुकान

ट्राफिक चौराहे की एक दुकान को 15 दिन पहले चले अभियान के दौरान नगर पालिका के अधिकारी नहीं गिरा पाए थे। जिसे सोमवार को गिराया गया है। इस संबध में दुकानदार ने बताया कि नगर पालिका से समझौते के बाद ही उन्होंने दुकान खाली की है और गिराने की अनुमति दी है। इसमें किसी तरह के विवाद का मामला नहीं है।

आंसुओ के साथ समेटते रहे गृहस्थी

करीब पांच दशक से अधिक समय से कोठी तालाब व पीडब्ल्यूडी विभाग के पास रहने वाले तमाम घरों की महिलाएं अपने ही आंखों के सामने आशियाना को ढहते देखा तो आंसू थम नहीं सके। दोपहर से लेकर शाम तक मलबे के पास बैठीं कई महिलाएं अपनी बची गृहस्थी आंसूओं की धार के बीच सहेजती रहीं। कई तो लगातार इस व्यवस्था को कोसती रहीं। कुछ के परिजन सांत्वना देकर वहां से हटाते रहे।