तुलसी जन्मस्थली पहुंची 84 कोसी परिक्रमा यात्रा

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तुलसी जन्मस्थली पहुंची 84 कोसी परिक्रमा यात्रा

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संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट

हर वर्ष की भाँति श्री चित्रकूट धाम की 84 कोसीय परिक्रमा रविवार को तुलसी जन्मस्थली राजापुर के तुलसी घाट पर पहुंची। माँ कालिन्दी की पूजा अर्चना के बाद महात्माओं ने रात विश्राम किया। रामनाम संकीर्तन करते हुए फाल्गुन अमावस्या से परिक्रमा प्रारम्भ किया है।

श्री भगवत आराधना आश्रम जानकीकुंड के महन्त गोविन्द दास जी महाराज ने बताया कि जनपद के अलावा बांदा, सतना, छतरपुर व पन्ना जिलों के तीर्थ क्षेत्रों का भ्रमण किया जाता है। इस परिक्रमा का मुख्य उद्देश्य अहिंसा परमो धर्मः के आधार पर जीवों की रक्षा करते हुए शुद्ध शाकाहारी बनकर अपने विचारों में जनमानस को शिक्षा देना है। उन्होंने कहा कि पूर्व में 14 कोसी परिक्रमा किया जाता था, लेकिन विंध्य पर्वत क्षेत्र के अन्तगर्त बहुत से ऐसे तीर्थस्थल हैं जिनका आज तक विकास नहीं हुआ। इन क्षेत्रों को जानने के लिए 84 कोसी परिक्रमा की शुरुआत 2008 से की गई थी।

तीर्थ क्षेत्रों के विकास के लिए समाज व सरकार के माध्यम से विकसित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि राजापुर तहसील क्षेत्र के सुरसेन, सरधुआ, अर्की, भदेहदू, यमुना और पयस्वनी के संगम तट पर समस्त साधु संतों ने संगम स्नान कर ध्यान, पूजा अर्चना, तप तपस्या कर सोमवार को परमहँस आश्रम चनहट, हरदौली, डेढ़िया, देहुरुच माफी, पैकौरा माफी, वाल्मीकि आश्रम लालापुर में यात्रा रात विश्राम करेगी। सैकड़ों की संख्या में सन्त महात्मा पद यात्रा कर रहे हैं।