यूपी के जिला अस्पताल में मासूम बच्चे की तड़प- तड़प मौत, रो-रोकर पिता ने डॉक्टर पर आरोप

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यूपी के जिला अस्पताल में मासूम बच्चे की तड़प- तड़प मौत, रो-रोकर पिता ने डॉक्टर पर आरोप

यूपी के जिला अस्पताल में मासूम बच्चे की तड़प- तड़प मौत, रो-रोकर पिता ने डॉक्टर पर आरोप

उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों के जिला अस्पतालों में लापरवाही के अनेकों मामले सामने आते हैं


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों के जिला अस्पतालों में लापरवाही के अनेकों मामले सामने आते हैं। लगातार विभागीय अफसरों की ओर से दिए जा रहे निर्देश के बावजूद स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार नहीं दिख रहा है। इसी से जुड़ा एक मामला यूपी के हमीरपुर जिले से सामने आया, जहां जिले के सरकारी जिला अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही के बीच चौदह माह का एक मासूम अस्पताल में साढ़े तीन घंटे तक तड़पता रहा। लंबे इंतजार के बाद भी इलाज न मिल पाने के कारण बच्चे ने मां की गोद पर दम तोड़ दिया। इस मामले में हमीरपुर सीएमओ ने जांच के निर्देश दिए हैं।

निमोनिया की चपेट में आया था मासूम

आपको बताते चलें कि हमीरपुर जिले के पड़ोसी जिला जालौन के कदौरा थाना क्षेत्र स्थित हरचन्दपुर गांव के रहने वाले अरविन्द का 14 माह का मासूम बच्चा कार्तिक निमोनिया से ग्रसित था। बच्चे को पहले कदौरा के अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे हमीरपुर स्थित जिला शरकारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया, जिसके बाद बीती शुक्रवार की रात अरविन्द अपने बच्चे को हमीरपुर के जिला अस्पताल लेकर आए।

अस्पताल में तड़पता रहा मासूम बच्चा

मामले को लेकर पीड़ित पिता ने बताया कि जिला अस्पताल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष अपने आवास में आराम कर रहे थे। परिजन निमोनिया से ग्रसित बच्चे को लेकर उनके आवास गए तो बालरोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष ने बच्चे को देखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। डॉक्टरों की सलाह पर 14 माह के बच्चे को लेकर उसका पिता जिला अस्पताल पहुंचा और वहां के इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती कराया। गौर करने वाली बात ये है कि इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर ने बच्चे का लापरवाही के चलते इलाज नहीं किया। लोगों ने बताया कि बच्चे की हालत लगातार बिगड़ने लगी तो उसके परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे। अस्पताल के इस दृश्य को देखकर भी वार्ड के डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा।

पिता ने लगाया आरोप, कहा- इलाज न मिलने के चलते हुई मौत

पिता अरविन्द ने बताया कि बालरोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष भी पीड़ित बच्चे का इलाज करने घंटों तक नहीं आए, जिसके चलते इलाज न मिल पाने के कारण मासूम साढ़े तीन घंटे तक तड़पता रहा और उसके बाद उसकी मौत हो गई। वहीं, जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसपी गुप्ता ने इस मामले पर लग रहे लापरवाही के आरोपों से सीधे इंकार किया है। उन्होंने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे को निमोनिया था और उसे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में बच्चे के इलाज में कोई भी लापरवाही नहीं बरती गई थी। इसके साथ ही सीएमओ डॉ. गीतम सिंह ने इस पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।