भाजपा के राज्यसभा MP राधा मोहन ने I.N.D.I.A पर निशाना साधा, कहा - ‘ये भेड़ की खाल में भेड़िए हैं…’

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भाजपा के राज्यसभा MP राधा मोहन ने I.N.D.I.A पर निशाना साधा, कहा - ‘ये भेड़ की खाल में भेड़िए हैं…’

भाजपा के राज्यसभा MP राधा मोहन ने I.N.D.I.A पर निशाना साधा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A पर निशाना साधा। सबसे पहले उन्होंने I.N.D.I.A को इंडिया कहने से इनकार कर दिया। फिर उन्होंने कहा कि ये भेड़ की खाल में भेड़ियों का संगठन है। उन्होंने कहा कि इससे न तो देश का भला होने वाला और न ही ये मोदी सरकार के कार्य और नीतियों के खिलाफ देश की 140 करोड़ जनता को बहलाने-फुसलाने में सफल हो पाएंगे।

घोसी में टूटेगा रिकॉर्ड और विपक्ष का भ्रम

उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में यह गठबंधन इतनी बड़ी पराजय झेलेगा कि इसे फिर से खड़ा होने में दशकों लग जाएंगे। डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल गुरुवार को गोरखपुर में थे। कई दिनों से धरने पर बैठे पेंशनर संगठन के पदाधिकारियों की समस्याओं को सुनने उनके बीच पहुंचे थे।

इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की। बातचीत में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर प्रहार किया। घोसी विधानसभा उपचुनाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस चुनाव की घोषणा के साथ ही भाजपा की बड़ी जीत तय हो गई थी। अब तक की जीत के सारे रिकॉर्ड उपचुनाव परिणाम के साथ टूट जाएंगे। साथ ही साथ I.N.D.I.A नाम के राजनीतिक दलों के संगठन का भी भ्रम टूटेगा।

‘भारत’ नाम पर दी अपनी प्रतिक्रिया

डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि मोदी सरकार देश के गरीबों, कमजोरों, असहाय, विधवा, बुजुर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ही काम कर रही है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसे में भाजपा और मोदी को हराने का सपना देखना I.N.D.I.A नाम के तथाकथित संगठन वाले नेता छोड़ दें। इसके अलावा उन्होंने ‘भारत’ नाम पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कहा कि भारत नाम पर देश में विरोध पैदा करने की कोशिश हो रही है, लेकिन वह सफल नहीं होंगे। इंडिया भारत है… और भारत रहेगा। हम गीत भी गाते हैं भारत भाग्य विधाता…।

ऐतिहासिक है भारत की पहचान

संविधान में यह उल्लेख है कि इंडिया दैट इज भारत। ऐसे में तथाकथित संगठन बनाकर इंडिया और भारत का विवाद पैदा करने वाले नेताओं को मुंह की खानी पड़ेगी। कहा कि दुनिया में जब गडेरियों की संस्कृति थी, लोग पेड़ और पशुओं की छाल पहनकर जीवन यापन करते थे, तब भी भारत एक अलग पहचान और सम्मान के साथ दुनिया में जाना पहचाना जाता था। इसलिए कुछ राजनीतिक दल और नेता अपनी स्थित को बचाए रखने के लिए ऐसे मुद्दों को हवा दे रहे हैं।