UP की जेल से छूटे खूंखार डकैत नज्जू का BJP विधायक ने किया स्वागत, जमकर की तारीफ

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UP की जेल से छूटे खूंखार डकैत नज्जू का BJP विधायक ने किया स्वागत, जमकर की तारीफ

UP की जेल से छूटे खूंखार डकैत नज्जू का BJP विधायक ने किया स्वागत, जमकर की तारीफ

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गुंडों और बदमाशों को ढूंढ-ढूंढकर ठिकाने लगा रही है


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गुंडों और बदमाशों को ढूंढ-ढूंढकर ठिकाने लगा रही है। वहीं, उन्हीं के विधायक उत्तर प्रदेश के खूंखार डकैत की तारीफों के पुल बांधने में लगे हुए हैं। यूपी में कटरी किंग के नाम से मशहूर रहे डकैत नज्जू के जेल से छूटने के बाद भाजपा विधायक ने उसका स्वागत किया। इसके बाद स्वागत करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। नज्जू अलग-अलग जिलों में अपहरण,लूट और हत्या के लगभग 70 से 80 मुकदमों में जेल में बंद था। चार दिन पहले ही वो बरेली जेल से छूटा है।  जेल से निकलने के बाद वो सीधे शाहजहांपुर के परौर थाना क्षेत्र में स्थित अपने मंझा गांव में ब्रम्हबाबा पर 111 किलो का घंटा चढ़ाने पहुंचा। 

यूपी के नामी डकैत नज्जू के गांव पहुंचने की सूचना पर उसे देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। इस मौके पर कटरा विधानसभा से भाजपा विधायक वीर विक्रम सिंह प्रिंस भी पहुंचे और गांव के रामलीला स्थल पर विधायक ने नज्जू डकैत को अपने बगल में बिठाकर उसके साथ मंच साझा किया।  यही नहीं, खुले मंच से विधायक ने डकैत नज्जू की तारीफों के पुल बांध दिए। 

विधायक ने कहा कि उनकी मुलाकात नज्जू से एक बार जेल के अंदर हुई थी जिसके बाद उन्हें देखने के लिए वह बहुत उत्सुक थे।  सिर्फ इतना ही नहीं, विधायक ने नज्जू डकैत को बड़ा ही संघर्षशील बताया।उन्होंने कहा कि नज्जू ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है। विधायक का ऐसा कहते हुए एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

कई दशक पहले कल्लू और नज्जू गिरोह का बदायूं,एटा, इटावा,कासगंज, फर्रुखाबाद,बरेली और शाहजहांपुर सहित आसपास के दर्जनों जिलों में आतंक था। कल्लू नज्जू के गिरोह में करीब डेढ़ दर्जन बदमाश शामिल थे। दोनों ने मिलकर एक बार कासगंज में मरुधर एक्सप्रेस में लूटपाट कर सात लोगों का एक साथ अपहरण किया था।

वर्ष 1999 में कल्लू और नज्जू ने कटरी में दरोगा राजेश पाठक की हत्या कर दी थी और अपना आतंक कायम किया था। इसके बाद पुलिस भी कल्लू और नज्जू के नाम से थर थर कांपती थी. अपहरण, फिरौती, लूट और हत्या जैसी जघन्य वारदातों को अंजाम देना ही इस डकैत का काम था। पुलिस ने जब शिकंजा कसना शुरू किया तो वर्ष 2000 में नज्जू ने आत्मसमर्पण कर दिया और तभी से वह जेल में बंद था।