बीजेपी ने कॉपरेटिव बैंक के चुनाव में किया कब्जा, 38 सीटें जीतीं

यूपी में चुपचाप एक और चुनाव में अपने झंडे गाड़ दिए हैं और धीमे से
पब्लिक न्यूज़ डेस्क- यूपी में चुपचाप एक और चुनाव में अपने झंडे गाड़ दिए हैं और धीमे से पूरा चुनाव ही स्वीप कर लिया, बीजेपी का संगठन और योगी सरकार ने मिलकर समाजवादी पार्टी को पूरी तरह उस चुनाव में नेस्तनाबूद कर दिया, जो दिवंगत मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव का सबसे पसंदीदा चुनाव था, यूपी के को ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन पद के चुनाव की, बीजेपी ने कॉपरेटिव बैंक चेयरमैन के 39 सीटों में से 38 सीटें जीतीं, जबकि 33 सीटों में से 32 सीट कोऑपरेटिव बैंक के वाइस चेयरमैन का चुनाव जीत लिया, बीजेपी संगठन ने इस चुनाव को जीतने में अहम रोल निभाया है, लेकिन इसकी चर्चा मीडिया की सुर्खियां नहीं बन पाईं, चुनाव ज्यादातर निर्विरोध जीता और यही वजह रही कि इसका ढिंढोरा नहीं पीटा गया, शिवपाल यादव तो कॉपरेटिव के सबसे माहिर खिलाड़ी थे और कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष का पद अपने बेटे के लिए सुरक्षित रखते थे, लेकिन इस बार बीजेपी के संगठन ने पूरी तरीके से समाजवादी पार्टी को कॉपरेटिव चुनाव से बाहर कर दिया, बीजेपी के नए संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी हर चुनाव को एक मिशन के तौर पर ले रहे हैं, वह चाहे विधानसभा के उपचुनाव हो एमएलसी का चुनाव हो या फिर निकाय चुनाव और अब यह कोऑपरेटिव बैंक का चुनाव एक के बाद एक जमीनी चुनाव को बीजेपी जीतती जा रही है।
कॉपरेटिव बैंक के चुनाव को स्वीप करने का मतलब है, उत्तर प्रदेश में खेती और खेती से जुड़े लगभग सभी योजनाओं और किसानों के वेलफेयर स्कीम पर सियासी कब्जा, खेती से जुड़ी तमाम योजनाएं, जो कि नाबार्ड के द्वारा किसानों तक पहुंचती है, ऐसी तमाम कोऑपरेटिव सोसायटी को बीजेपी अब कंट्रोल करने जा रही है, कोऑपरेटिव को अपने दायरे में लेना अमित शाह का सपना था, क्योंकि अमित शाह इस वक्त सहकारिता के मंत्री हैं और उत्तर प्रदेश में सहकारिता पर उनकी खास नजर भी है।