बारिश के मौसम मे भयंकर बाढ त्रासदी, सैकडो एकड कृषि योग्य भूमि कटकर नाले मे हुई समाहित

बलरामपुर विकासखंड हर्रैय्या सतघरवा अंतर्गत राजस्व ग्राम उदईपुर खैरहनिया गांव नेपाल
संवाददाता के बी गुप्ता
बलरामपुर : बलरामपुर विकासखंड हर्रैय्या सतघरवा अंतर्गत राजस्व ग्राम उदईपुर खैरहनिया गांव नेपाल के पहाडो जंगलो से होकर निकलने वाली धोबैनिया,जमधरा, खैरहनिया पहाडी नाले के तट पर स्थित है।
हर वर्ष बारिश के मौसम मे भयंकर बाढ त्रासदी होने के कारण इस गांव की सैकडो एकड कृषि योग्य भूमि कटकर नाले मे समाहित हो चुके है।
पहाडो पर हल्की बारिश होने से नाले मे तेज बहाव के साथ बाढ़ आ जाता है,जो अपने साथ जमीनों को काटता हुआ बहा ले जाता है जिससे लोगों के सैकड़ों एकड कृषि योग्य भूमि एवं दर्जनभर लोगो के आवास कटकर समा गए है, नाले से लोगो के घर करीब 20 मीटर बचे है। ग्रामीणो ने नाले किनारे प्रदर्शन करते हुए बताया कि इस वर्ष यदि नाले मे तेज बाढ आई तो झाबू, काशीराम, छेदीराम, ह्रदयराम, मूने, बाबूराम, कृपाराम, बच्चाराम, हिदायतुल्ला, हरीराम, रेखा, शाहजहाँ, फूलनदेवी, पूनम, सूरा सहित करीब 60 लोगो के आशियानो का अस्तित्व मिट जाएगा। वर्षो पूर्व नाले मे लाखो की लागत से बालू तटबंध का निर्माण कराया गया पत्थर पिचिंग नही होने से तटबंध बाढ मे बह गया। ग्रामीणो ने बताया कि इस वर्ष की भयंकर बाढ़ में कटान की कटान की स्थिति काफी गंभीर हो गई है नाला कटान करता हुआ आबादी की ओर बढ़ रहा है, जिससे ग्रामवासी भयभीत हैं। गांव में स्थित ग्राम सचिवालय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय आंगनबाड़ी केंद्र सामुदायिक शौचालय राजकीय नलकूप सहित राजकीय सम्पत्ति के साथ गांव मे बने 20 लोहिया आवास, 50 प्रधानमंत्री आवास, 80 शौचालय, का अस्तित्व खतरे मे है,आबादी जमीन तथा आवास कट जाने पर ग्रामीणो को अलग घर बनाने के लिए जमीन नही है।
ग्रामीणो ने जिलाधिकारी, सासंद विधायक, एंव मुख्यमंत्री को लिखित प्रार्थनापत्र भेजकर मांग की है, कि बेघर होने के साथ-साथ ग्राम में स्थित उक्त परिस्थितियों को बचाने के लिए नाले की कटान को रोकने हेत नाले के वास्तविक बहाव अस्थल कम करने के लिए लगभग 800 मीटर खुदाई करा करके धारा प्रवर्तित की जाए जिससे गांव को उजड़ने से बचाया जा सके।