रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की स्वामी प्रसाद मौर्या ने, सपा ने सधी चुप्पी

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रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की स्वामी प्रसाद मौर्या ने, सपा ने सधी चुप्पी

रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की स्वामी प्रसाद मौर्या ने, सपा ने सधी चुप्पी 

बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने हाल ही में रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी


पब्लिक न्यूज़ डेस्क- बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने हाल ही में रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, इसके बाद जमकर हंगामा हुआ, लेकिन अब सपा नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है, उन्होंने साथ ही इस पूरी पुस्तक को बैन करने की मांग की है, उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। अब स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर एक तरफ भाजपा ने सपा पर जमकर हमला बोला तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने इस बयान से पिंड छुड़ाने के बजाय फिलहाल इस मामले पर चुप्पी साध ली है, सपा पिछड़ी और दलित समाज की प्रतिक्रिया को देखना भी चाहती है, एक तरफ समाजवादी पार्टी इसे स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान कहकर पल्ला झाड़ रही है लेकिन पार्टी को लग रहा है की इस बयान के दो पहलू हैं, एक इसका धार्मिक पहलू है और दूसरा सामाजिक.सपा के भीतर दोनों पहलुओं पर विचार है पार्टी का मानना है कि ऐसे बयान से पार्टी को नुकसान हो सकता है, वही अंबेडकरवादी जो धड़ा है, उसका मानना है कि अगर दलितों महिलाओं और पिछड़ों के बारे में इस धर्म ग्रंथ में कुछ लिखा गया है तो उस पर बहस होने देना चाहिए, इसमें कोई बुराई नहीं।
समाजवादी पार्टी के विधायक और विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने रामचरितमानस को महान धर्म ग्रंथ बताते हुए इसकी सामाजिक उपयोगिता को बताया है, स्वामी प्रसाद मौर्य की सियासी अदावत ऊंचाहार सीट पर किसी से छुपी नहीं है, लेकिन पार्टी के भीतर कोई स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का खंडन करने या रामचरितमानस पर दिए गए बयान की निंदा करने सामने नहीं आया, समाजवादी पार्टी चाहती है की रामचरित मानस की चौपाइयों के आधार पर ही बीजेपी को घेरा जाए।