भारतीय भाषा में पढ़ पाएंगे अयोध्या का फैसला, प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा

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भारतीय भाषा में पढ़ पाएंगे अयोध्या का फैसला, प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा

भारतीय भाषा में पढ़ पाएंगे अयोध्या का फैसला, प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा

सुप्रीम कोर्ट के हजारों फैसलों में अब तक 538 फैसलों का अनुवाद हिन्दी या अन्य भारतीय भाषाओं


पब्लिक न्यूज़ डेस्क- सुप्रीम कोर्ट के हजारों फैसलों में अब तक 538 फैसलों का अनुवाद हिन्दी या अन्य भारतीय भाषाओं हो पाया है, अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ के फैसले का अनुवाद फरवरी में पूरा होने की उम्मीद है, संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कानून मंत्रालय ने बताया था कि पिछले चार वर्षों में कुल 538 फैसलों का हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद हुआ इनमें भी आधे से ज्यादा यानी 290 फैसले हिंदी में अनुदित हुए हैं, लेकिन, इस अंतराल में साल दर साल अनुदित फैसलों की संख्या लगातार घट रही है, अब तक अनुदित 538 में से छह फैसले असमी में, तीन बांगला में, दो गैरो, 290 हिंदी, 24 कन्नड़, 47 मलयालम, 26 मराठी, तीन नेपाली, 26 उड़िया, 10 पंजाबी, 76 तमिल, 18 तेलगू, पांच उर्दू में 2019 में सबसे ज्यादा 209 फैसले क्षेत्रीय भाषा में अनुवादित हुए इसके बाद 2020 में 142, 2021 में 100 और 2022 में सिर्फ 82 फैसले ही अनुवादित हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इससे न केवल क्षेत्रीय भाषाओं की उपयोगिता, सार्थकता बढ़ेगी बल्कि आम लोगों के साथ नए वकीलों और अनुसंधान करने वाले कानून के छात्रों को भी आसानी होगी, इस ट्वीट की भी प्रशंसा और चर्चा कानूनी और राजनीतिक गलियारों में हो रही है, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि क्षेत्रीय भाषाओं और लिपि में कोर्ट के फ़ैसलों को जनता तक पहुंचाने के लिए आधुनिक तकनीक के जरिए ये सुविधा जन जन तक पहुंचाने पर काम तेजी से चल रहा है, इसमें उन्होंने युवा वकीलों और तकनीकी विशेषज्ञों से आगे आने का आह्वान किया, उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि इस तकनीक का लाभ उन लोगों को भी मिले जिनकी पहुंच में ऐसी तकनीक नहीं हैं, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आज भी सुप्रीम कोर्ट के उत्कृष्ट अंग्रेजी में लिखे और छपे फैसले आम आदमी की समझ में नहीं आते ऐसे में अपनी मातृभाषा में वो कोर्ट के फैसलों और उसके पीछे दिए जाने वाले तर्कों, दलीलों और कोर्ट की सोच को समझ सकेंगे।