सिवालखास पर दिल्ली में घमासान, टिकट बदलने से जयंत का इनकार, पढ़िए क्या बोले- रालोद समर्थक

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सिवालखास पर दिल्ली में घमासान, टिकट बदलने से जयंत का इनकार, पढ़िए क्या बोले- रालोद समर्थक

सिवालखास पर दिल्ली में घमासान, टिकट बदलने से जयंत का इनकार, पढ़िए क्या बोले- रालोद समर्थक


मेरठ। मेरठ में सिवालखास विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद को टिकट दिए जाने से रालोद समर्थकों का आक्रोश कम नहीं हो रहा है। बुधवार को पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता टिकट बदलवाने के लिए दिल्ली स्थित चौधरी जयंत सिंह की कोठी पर पहुंच गए। कार्यकर्ताओं ने इस सीट को जाट समाज को दिए जाने की मांग की। भीड़ के बीच पहुंचे चौधरी जयंत सिंह ने लोगों को गठबंधन धर्म का पाठ पढ़ाने की कोशिश करते हुए टिकट बदलने में असमर्थता जताई। इस पर लोगों ने कहा कि जब छपरौली का टिकट बदल सकता है तो सिवालखास का क्यों नहीं। देर शाम तक भी लोग कोठी पर ही डेरा डाले हुए थे। 

सिवालखास विधानसभा सीट बागपत संसदीय सीट के अंतर्गत आती है जो रालोद की परंपरागत सीट है। सपा के साथ गठबंधन में जनपद की सिवालखास और मेरठ कैंट सीट को रालोद कोटे की माना जा रहा था। इन दोनों सीटों को अपनी मानकर दावेदार लंबे समय से मेहनत में जुटे थे। लेकिन मंगलवार को दोनों सीटों पर टिकट का एलान किया गया तो न केवल दावेदारों बल्कि पार्टी समर्थकों के भी पैरों तले से जमीन खिसक गई। सिवालखास सीट से सपा के पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद और मेरठ कैंट से राजनीति का अंजाना चेहरा मनीषा अहलावत को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। दोनों प्रत्याशियों का संबंध सपा से होने और सिवालखास सीट जाट समाज को नहीं देने से क्षेत्र में आक्रोश छा गया। कई गांवों में पार्टी के झंडे तक जला दिए गए। 

वहीं बुधवार को क्षेत्र के दर्जनों गांवों से सैकड़ों लोग दिल्ली स्थित चौधरी जयंत सिंह की कोठी पर पहुंच गए और टिकट बदलने तक डेरा डाल दिया। लोगों के हंगामे और नारेबाजी के बीच दोपहर को भीड़ में पहुंचे जयंत सिंह ने लोगों को गठबंधन धर्म का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी ने सोच समझकर फैसला किया है, जिसे टिकट दिया है उसे पूरी ताकत से चुनाव लड़ाओं। इस पर लोगों ने कहा जब छपरौली सीट पर प्रत्याशी बदल सकता है तो इस सीट पर क्यों नहीं। जयंत ने कहा कि यहां और वहां का मामला अलग है। लोगों के भारी विरोध और हंगामे के बाद जयंत सिंह कोठी के अंदर चले गए। शाम को वे फिर समर्थकों के बीच पहुंचे और समझाने का प्रयास किया। लेकिन समर्थकों ने बिना टिकट बदलवाए वहां से हटने से मना कर दिया। देर रात तक लोग दिल्ली में ही डटे थे।

बाकी सीटों पर भी असर पड़ने की संभावना 
सिवालखास सीट भी जाट समाज को नहीं मिलने से इसका असर गठबंधन की बाकी सीटों पर पड़ता नजर आ रहा है। पार्टी के फैसले का चौतरफा विरोध हो रहा है। सोशल मीडिया पर इस टिकट से पूरे क्षेत्र में गलत संदेश जाने की बात कही जा रही है। हर तरफ से इस टिकट को बदले जाने की मांग उठ रही है। 

डॉ. राजकुमार सांगवान और सुनील रोहटा को टिकट देने की मांग 
सोशल मीडिया में पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. राजकुमार सांगवान और सुनील रोहटा में से किसी एक को टिकट दिए जाने की मांग की जा रही है। लोगों का कहना है कि जनपद में रालोद एक भी सीट नहीं ले सका है। कहने को दो सीट मिली है लेकिन दोनों सीटों पर सपा कार्यकर्ताओं को टिकट दिया गया है। इस तरह जिले की सातों सीटों पर सपा लड़ रही है।

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