गर्मी-चर्बी और 'हिंदुगर्दी' के बाद अब 'कबूतर' से पश्चिमी यूपी में चढ़ा सियासी पारा, ये है पूरा मामला

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गर्मी-चर्बी और 'हिंदुगर्दी' के बाद अब 'कबूतर' से पश्चिमी यूपी में चढ़ा सियासी पारा, ये है पूरा मामला

गर्मी-चर्बी और 'हिंदुगर्दी' के बाद अब 'कबूतर' से पश्चिमी यूपी में चढ़ा सियासी पारा, ये है पूरा मामला


मेरठ। जैसे-जैसे विधानसभा चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है। वैसे ही चुनावी सरगर्मियां और तेज हो गई हैं। एक तरफ जहां पार्टी प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। वहीं दूसरी और भाषण बाजी के चक्कर में नेताओं की जुबान भी फिसल रही है। यहां तक कि दिग्गज नेता भी बदजुबानी में पीछे नहीं हैं। हाल ही में जहां 'गर्मी' और 'चर्बी' ने सियासी पारा खूब गरम किया, तो मेरठ में सपा प्रत्याशियों ने भी विवादित बयान देकर सुर्खिया बटोरीं। वहीं शनिवार को भाजपा प्रत्याशी कमलदत्त शर्मा ने कबूतर उड़ाकर सियासी सरगर्मियां तेज कर दीं। आगे पढ़ें आखिर क्या है पूरा मामला :-

मेरठ में मतदान की तारीख में चंद ही दिन का अंतराल है। ऐसे में प्रत्येक पार्टी के नेता अपने-अपने क्षेत्र की जनता को लुभाने के लिए घर-घर प्रचार करने में जुटे हैं। इसी क्रम में मेरठ शहर सीट से प्रत्याशी कमलदत्त शर्मा ने सपा विधायकी रफीक अंसारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा विधायक विकास कार्याें के नाम पर पांच साल तक अपनी छतों पर कबूतर उड़ाते रहे है। दरअसल, सपा विधायक पूर्व में अपने आवास पर कबूतर पालते थे, जिसका जिक्र करते हुए भाजपा प्रत्याशी ने उन पर चुटकी ली है।

भाजपा प्रत्याशी बोले-सपा विधायक ने पांच साल कबूतर उड़ाए
शनिवार को भाजपा प्रत्याशी के चुनावी संवाद के दौरान कहा कि यहां मतदाताओं से बात करने के दौरान ऐसा लगता है कि यहां विकास कार्य नहीं हुआ है। जो कार्य होने थे वे जनता को नहीं मिले। कहा कि पिछले पांच से हमारा विधायक नहीं था। ऐसे में जो भी पांच साल में जो विकास कार्य होने थे वे नहीं हो पाए हैं।

हाईकोर्ट बैंच की मांग पर उन्होंने कहा कि हम यदि चुनाव जीतते हैं तो हाईकार्ट बैंच दिलाने का प्रयास करेंगे। कहा कि अन्य पार्टियां हिंदु- मुस्लिम को तोड़कर चुनाव लड़ना चाहती हैं। लेकिन मुस्लिम अब बहकावे में नहीं आने वाले हैं, अब वे जो गाजियाबाद और हापुड़-हाईवे से गुजर रहे हैं। डबल इंजन की सरकार ने जो विकास के रास्ते बनाए हैं वे उन्हें रास आ रहे हैं, वे अब सब समझते हैं। उन्होंने कहा कि मुकबला कड़ा है और भाजपा की बड़ी जीत होगी।
 
वहीं मेरठ शहर विधायक रफीक अंसारी और से जब पूछा गया कि शहर की जनता उन्हें विधायक क्यों चुने ?  इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह राजनीति में पैसा कमाने के लिए आते हैं, दूसरे गुंडे होते हैं जो अपनी जान बचाने के लिए आते हैं, तीसरे पैसा कमाने के लिए आते हैं, मैं इन तीनों में कहीं नहीं हूं। मैं राजनीति में सेवा करने के लिए आया हूं। पिछली बार जनता का पूरा समर्थन मिलता रहा, इस बार भी पूरा समर्थन मिलेगा।

भाजपा प्रत्याशी कमलदत्त शर्मा के कबूतर उड़ाने के बयान पर उन्होंने कहा कि मैं उनके बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। हम कबूतरों को दाना डालने  मक्का-मदीना तक जाते हैं, तो अपने आवास पर भी उन्हें दाना खिलाते हैं। भाजपा प्रत्याशी के खुद के वायरल हुए वीडियो यह बताने के लिए काफी हैं कि वह खुद क्या करते हैं।

रफीक अंसारी के हिंदुगर्दी वाले बयान पर उठे थे सवाल
बता दें कि इससे पहले सपा विधायक रफीक अंसारी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि पिछले पांच वर्षों में हर थाने में 'हिंदुगर्दी' मची हुई थी। मुसलमान नौजवान कभी किसी से नहीं दबा, जबकि भाजपा सरकार में उन्हें दबाने की कोशिश की है। विधायक रफीक अंसारी के इस वायरल वीडियो पर काफी सवाल उठाए गए।

सीएम योगी के गर्मी वाले बयान से शुरू हुआ था सिलसिला
बता दें कि चुनावी माहौल में नेताओं के बोल भी बिगड रहे हैं। इसकी शुरुआत सीएम योगी आदित्यनाथ के मुजफ्फरनगर में एक जनसभा के दौरान दिए गए 'गर्मी' वाले बयान से हुई थी। जहां उन्होंने कहा था कि अभी कैराना और मुजफ्फरनगर में कुछ जगह गर्मी बहुत दिख रही है। लेकिन मैं मई और जून के महीने में भी शिमला कर देता हूं।

वहीं इसके पलटवार में रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह जो शीतलहर चली थी, बाबा का माथा जरा बड़ा है लगता है कि इन्हें ठंड लग गई है, इसलिए ये ऐसी बातें बोल रहे हैं। उन्होंने कह कि यदि गर्मी नहीं होगी तो हम सब मर जाएंगे। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा क्या कंप्रेसर है, जो ठंडा कर देंगे ?

जाहिर है कि बड़े नेता  भी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने, टिप्पणी करने और विवादित बयानबाजी करने से पीछे नहीं हैं। ऐसे में फिर छोटे नेता पीछे कैसे रहे सकते हैं ? 

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