लखीमपुर हिंसा: पोस्टमार्टम के दौरान नहीं मिली गन शॉट इंजरी, लोगों की इस वजह से हुई मौत

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लखीमपुर हिंसा: पोस्टमार्टम के दौरान नहीं मिली गन शॉट इंजरी, लोगों की इस वजह से हुई मौत

लखीमपुर हिंसा: पोस्टमार्टम के दौरान नहीं मिली गन शॉट इंजरी, लोगों की इस वजह से हुई मौत


पब्लिक न्यूज डेस्क। लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मारे गए चार किसानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं जारी की गई है, लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि पोस्टमार्टम के दौरान गन शॉट इंजरी नहीं मिली है। सूत्रों ने बताया कि किसी भी मृतक की गोली लगने से मौत नहीं हुई थी। मृतकों के शरीर पर चोट के गंभीर निशान हैं और अत्यधिक खून बहने से मौत हुई थी।

इसके साथ ही ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि किसानों की मौत सदमे, अत्यधिक रक्तस्राव कारण हुई और गोली से कोई चोट नहीं मिला। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में रविवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बनबीरपुर दौरे के विरोध में किसान एकत्र हुए थे।

किसानों के दावा किया कि नक्षत्र सिंह, दलजीत सिंह, लवप्रीत सिंह और गुरविंदर सिंह के रूप में पहचाने गए चार किसानों की मौत हो गई, क्योंकि वाहनों ने प्रदर्शनकारियों को तिकुनिया-बनबीरपुर मार्ग पर कुचल दिया।

ऑटोप्सी रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 वर्षीय किसान लवप्रीत सिंह की मौत घसीटने के सदमे और रक्तस्राव के कारण हुई। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि गुरविंदर सिंह के शरीर पर धारदार चीजों से चोट के निशान थे और उसकी मौत भी सदमे और रक्तस्राव के कारण हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दलजीत सिंह को घसीटा गया और उसके शरीर पर चोट के अन्य निशान थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खेमे से चार अन्य मौतों की सूचना मिली थी। वे एक कार में यात्रा कर रहे थे और प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उन्हें कार से खींच लिया और पीट-पीट कर मार डाला।

बीजेपी खेमे से शुभम मिश्रा की बीजेपी समर्थकों पर हमले में मौत हो गई। उसके शरीर पर कई चोटें थीं। हरिओम मिश्रा की मौत लाठी लगने से हुई है और उनके शरीर पर चोट के कई निशान हैं। सदमे और रक्तस्राव के कारण उसकी भी मौत हो गई। श्यामसुंदर निषाद की भी लाठियों से पीटने और घसीटने से मौत हो गई।

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