मस्जिद और दरगाह पर मोर पंख होते हैं, वहां भी छापेमारी की जाए

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मस्जिद और दरगाह पर मोर पंख होते हैं, वहां भी छापेमारी की जाए

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कर्नाटक भाजपा विधायक अरविंद बेलाड का बयान

पब्लिक न्यूज़ डेस्क

कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी के नेता और विधायक अरविंद बेलाड ने धार्मिक उद्देश्यों के लिए मोर के पंखों के इस्तेमाल का हवाला देते हुए सभी मस्जिदों और दरगाहों पर छापेमारी की मांग की है। बेलाड की यह टिप्पणी वन विभाग के नोटिस और भाजपा के राज्यसभा सांसद और अभिनेता जग्गेश के घर की तलाशी के बाद आई है। एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जग्गेश को बाघ के पंजे वाला पेंडेंट पहने हुए देखें जाने के बाद यह तलाशी ली गई। 

बेलाड ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भी कटाक्ष किया क्योंकि उन्होंने जग्गेश के परिसरों पर छापे के लिए स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन मस्जिदों और दरगाहों पर नहीं। बेलाड ने पूछा, " बाघ के नाखून ऐतिहासिक रूप से अच्छे कंपन के लिए उपयोग किए जाते हैं। मैं सिद्धारमैया से पूछना चाहता हूं कि अगर राज्यसभा सांसद जग्गेश के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है तो वे दरगाहों और मस्जिदों में इस्तेमाल किए जा रहे मोर पंखों पर चुप क्यों बैठे है?

उन्होंने कहा सिद्धारमैया जाते हैं और उन मोर पंखों से आशीर्वाद लेते हैं। क्या वह नहीं देख सकते हैं? मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है। यह अपराध है और कानून के खिलाफ है। भाजपा विधायक ने सिद्धारमैया से प्रत्येक मस्जिद और दरगाह पर छापा मारने और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आग्रह किया है।

बाघ के पंजे को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब कन्नड़ बिग बॉस के प्रतियोगी वर्थुर संतोष को बाघ के पंजे का लॉकेट रखने के आरोप में शो के सेट से गिरफ्तार किया गया था। बाघ के नाखून रखना कानून के खिलाफ है। इसकी बिक्री या खरीद भी कानून के खिलाफ है।

वन विभाग के अधिकारी 22 अक्टूबर को शो के सेट पर पहुंचे और बाघ के पंजे के लॉकेट की जांच की। मूल्यांकन करने पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि बाघ का पंजा असली था और वर्थुर संतोष को गिरफ्तार कर लिया गया था।

इस बीच अभिनेता और भाजपा सांसद जग्गेश ने अपने परिसरों की तलाशी के बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका में वन अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाया है।